- सिर्फ दैवीय आपदाओं, रिपेयरिंग वर्क में ही खर्च होगी राशि

-ठेकेदारी प्रथा से नहीं होंगे विकास कार्य, 4 क्वार्टर में दिए जाएंगे 25-25 लाख

LUCKNOW: आखिरकार कार्यकारिणी की बैठक के बाद जनरल हेड को संजीवन मिल गई है। हालांकि इस बार जनरल हेड का स्वरूप बदल गया है। स्पष्ट है कि इस हेड के तहत कोई भी विकास कार्य ठेकेदारी प्रथा से नहीं कराये जाएंगे। जिससे इस हेड की धनराशि का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही यह भी तय कर दिया गया है कि इस हेड के तहत धनराशि का उपयोग कब किया जा सकेगा।

हर जोन को एक करोड़

निगम प्रशासन की ओर से जनरल हेड का पूरा स्वरूप ही चेंज कर दिया गया है। इस हेड के तहत सभी आठों जोन को एक-एक करोड़ रुपया दिया जाएगा। यह धनराशि चार क्वार्टर में दी जाएगी। मतलब हर किश्त 25 लाख रुपये की होगी।

इसलिए खत्म हुआ था हेड

नगर निगम में जनरल हेड की व्यवस्था खासी पुरानी थी। इस हेड की मदद से वार्डो में छोटे-छोटे विकास कार्य कराए जाते थे। हालांकि कुछ मामले ऐसे सामने आए, जिसमें जनरल हेड के तहत फाइलें तो बनाई गईं, लेकिन उसका मिसयूज किया गया। लगातार शिकायतों का ग्राफ बढ़ता हुआ देख निगम प्रशासन की ओर से जनरल हेड को समाप्त कर दिया गया था।

यहां खर्च होगी धनराशि

1-दैवीय आपदा में

2-नाले-नालियों इत्यादि के मेंटीनेंस में

3-सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के निर्देश पर

4-पीएम, सीएम या नगर विकास मंत्री के निरीक्षण या निर्देश पर

हर खर्च पर नजर

निगम प्रशासन की ओर से फैसला लिया गया है कि जनरल हेड से खर्च होने वाली धनराशि पर नजर रखी जाएगी। जिससे इस हेड का फिर से दुरुपयोग नहीं हो सके। मॉनीटरिंग का कदम जोनवार उठाया जाएगा।