- गंज में चल रही बुल ट्रेडर्स के नाम से चल रही थी शेयर ट्रेडिंग कंपनी

- यूपी, झारखंड और उत्तराखंड के सैकड़ों लोगों ने पैसा निवेश किया था

LUCKNOW :

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर सैकड़ों लोगों से पैसा निवेश कराने वाली कंपनी करोड़ों की चपत लगाकर नौ दो ग्यारह हो गई। कंपनी में यूपी, झारखंड और उत्तराखंड के सैकड़ों लोगों ने इनवेस्ट किए थे। पिछले चार महीने से कमीशन का पैसा न मिलने पर लोगों को शक हुआ। मंडे को दर्जनों लोग ऑफिस पहुंचे तो मेन मालिक मौके से नदारत था। पीडि़त ने ऑफिस में मौजूद एक झारखंड के एजेंट को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पीडि़त दर्जनों युवकों ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

भुनेश्वर का है कंपनी का मालिक

उड़ीसा भुनेश्वर का रहने वाले राहुल ंिसंह ने बुल ट्रेडर्स के नाम से अगस्त 2015 में कंपनी शुरू की थी। जिसका ऑफिस हजरतगंज के स्काई आई बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर था। कंपनी ने यूपी, उत्तराखंड और झारखंड में कई एजेंट में बनाए थे। जिनके जरिए लोगों का कंपनी में अकाउंट खुलवाया जाता था और उनसे शेयर ट्रेडिंग के लिए पैसा जमा कराया जाता था। आवेदक जितना पैसा निवेश करता था उस रकम का वीकली एक प्रतिशत और मंथली चार प्रतिशत कमीशन मिलता था। कंपनी ने एचडीएफसी बैंक में अकाउंट खोला था।

कैसे चलता था पूरा गेम

कंपनी ने सैकड़ों लोगों से लाखों रुपये निवेश कराया था। उनकी रकम से विशेषज्ञों से शेयर ट्रेडिंग कराई जाती थी। उससे मिलने वाले मुनाफे को मंथली 4 प्रतिशत निवेशक को दिया जाता था जबकि बाकी मुनाफा कंपनी खुद रखती थी। जनवरी 2016 में कंपनी में करीब दो सौ लोगों ने पांच करोड़ से ज्यादा निवेश किया था। जिसमें यूपी के साथ झारखंड और उत्तराखंड के युवक भी शामिल हैं।

नोटबंदी के बाद से शुरू मंदी

दिसंबर 2016 तक निवेशकों को कंपनी ने कांट्रेक्ट के अनुसार कमीशन दिया, लेकिन जनवरी के बाद कमीशन देना बंद कर दिया। निवेशकों ने कंपनी के डायरेक्टर राहुल सिंह से मिलकर उसका कारण पूछा तो उन्होंने नोट बंदी का हवाला देते हुए फरवरी लास्ट तक सबकुछ ठीक होने का आश्वासन दिया था। मार्च के बाद भी जब निवेशकों कमीशन नहीं मिला तो उन्होंने दोबारा संपर्क किया। इस बार राहुल सिंह ने इनकम टैक्स का हवाला देते हुए फिर आश्वासन दिया था लेकिन जुलाई में भी पैसा न मिलने पर उनका आक्रोश भड़क गया।

ऑफिस पहुंचे तो गायब था डायरेक्टर

पारा, काकोरी समेत आस-पास के जिले के सैकड़ों युवक मंडे शाम को जब अपनी रकम और कमीशन लेने के लिए ऑफिस पहुंचे तो डायरेक्टर राहुल सिंह गायब मिला। कई घंटे तक हंगामा करने के बाद आक्रोशित निवेशक ऑफिस में मौजूद झारखंड रांची के एजेंट राजू को पकड़ लिया और उसे हजरतगंज थाने ले गए। राजू ने बताया कि वह एजेंट है और उसने खुद झारखंड से कई लोगों का पैसा इनवेस्ट कराया है।

एक ही परिवार ने 46 लाख किए थे इनवेस्ट

पारा फतेहगंज के रहने वाले योगेश साहू समेत उनके परिवार ने कंपनी में करीब 36 लाख रुपये निवेश किए थे। जिसमें योगेश ने 18 लाख 60 हजार, उसके चाचा ओम प्रकाश ने 17 लाख और हुकुम चंद्र ने 12 लाख निवेश किए थे। जबकि आलम नगर के विनय मौर्या ने 5.50 लाख, काकोरी के मो। शमीम ने 2 लाख, काकोरी हरदोईया के सरोज ने 10 लाख, आलम नगर की सुधा अवस्थी ने 25 लाख, पारा की हेमा साहू ने 2 लाख समेत सैकड़ों लोगों ने लाखों रुपये इनवेस्ट किए थे। कुल रकम पांच करोड़ से भी ज्यादा की है। इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही ने बताया कि ठगी के शिकार पीडि़तों की तहरीर पर केस दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। पकड़े गए एजेंट से पूछताछ की जा रही है।