10,000 साल पुरानी है
ये मंदिर छत्तीसगढ़ के रतनपुर गांव में स्थित है। यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा स्त्री रूप में विराजमान है। इस प्रतिमा के बारे में बताया जाता है कि ये 10,000 साल पुरानी है। इस प्रतिमा की स्थापना से जुड़ी एक बहुत ही रोचक कहानी है। कहानी के अनुसार रतनपुर के राजा पृथवी देवजू हनुमान जी के भक्त थे। हनुमान भक्त राजा देवजू को कुष्ट रोग हो गया। इससे वो बेहद परेशान हो गए और जीवन के प्रति उदासीन हो गए। एक रात सोते समय भगवान हनुमान उनके सपने में दर्शन दिए और मंदिर बनवाने का आदेश दिया।

सपने में फिर दिया आदेश
राजा ने हनुमान जी के आदेश अनुसार मंदिर बनवा दिया। जैसे ही मंदिर का निर्माण कार्य खत्म हुआ हनुमानजी एक बार फिर राजा के सपनों में आए। सपने में आकर उन्होंने राजा से कहा कि महामाया कुण्ड में उनकी एक प्रतिमा है। उसी प्रतिमा को निकालकर वो मंदिर में स्थापित करे। राजा ने आदेश का पालन करते हुए सुबह जाकर कुण्ड से हनुमानजी की प्रतिमा निकाली। प्रतिमा देखकर वो हैरान रह गए। इस प्रतिमा में हनुमानजी नारी रूप में थे। इसी प्रतिमा को राजा ने यहां के मुदिर में स्थापित कर दिया।
इस मंदिर में स्‍त्री रूप में विराजमान हैं हनुमान
हर मनोकामना होती है पूरी
बताया जाता है कि जैसे ही राजा ने मंदिर में प्रतिमा की स्थापना कि वैसे ही उसका कुष्ट रोग खत्म हो गया। कहते हैं इसके बाद राजा ने हनुमानज से प्रार्थना की कि इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मुराद को वो पूरा करें। दक्षिणमुखी ये प्रतिमा काफी अद्धभुत है। इनके बांए कंधे पर प्रभू श्रीराम विराजमान है, दाएं कंधे पर लक्ष्मण जी और पैरों के नीचे दो राक्षस है। मंदिर पर आस्था रखने वाले मानते हैं कि ये एक सिद्ध मंदिर है और इस मंदिर में मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर काफी ऐतिहासिक है।

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