अखिलेश यादव ने किया ट्वीट

सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर कैंसल कर रही है और स्कूल के बच्चे सरकार की तरफ़ से दिए जाने वाले स्वेटर का इंतजार। कहीं ऐसा न हो कि इधर बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते ही रह जाएं और उधर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते-होते मई-जून आ जाए।

दिसंबर बीतने के बाद भी स्वेटर खरीद पर नहीं निकला हल

इस सीजन नहीं मिल पाएंगे स्वेटर, सियासत भी गर्म हुई

Meerut। योगी सरकार सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए स्वेटर देने की योजना बनाई थी। लेकिन विभागीय अव्यवस्था और लापरवाही के कारण यह महत्वाकांक्षी योजना परवान नहीं चढ़ सकी। हालत यह है कि दिसंबर बीतने को हैं लेकिन अभी भी स्कूलों में स्वेटर का वितरण नहीं हो सका है। जिस कारण बच्चे सर्दी से ठिठुरते हैं। हालांकि अब इस मसले पर सियासत भी तेज हो गई है।

यह है वजह

गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने पहले जेम पोर्टल फिर ई-बिड के जरिए स्वेटर खरीदने के निर्देश दिए थे। लेकिन विभाग को स्वेटर देने के लिए सप्लायर भी नहीं मिल रहे हैं। विभाग की ओर से अब 28 दिसंबर को इसके लिए टेंडर दिया जाएगा। इसके बाद स्वेटरों की पूर्ति में भी करीब एक से दो महीने में समय लग जाएगा। ऐसे में बच्चों को इस सीजन में स्वेटर मिलना मुश्किल ही दिखाई दे रहा है।

यह है योजना

प्रत्येक बच्चे को स्वेटर बांटने के लिए 200 रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। अपर-प्राइमरी व प्राइमरी के एक लाख से अधिक बच्चों को स्वेटर वितरित किया जाना है। इसके लिए मैरून रंग के साथ वीनेक स्वेटर देने का प्रावधान है।

शासन की ओर से जैसे ही स्वेटर खरीद का काम पूरा कर लिया जाएगा। हम स्वेटर वितरित कर देंगे।

सतेंद्र सिंह ढाका, बीएसए, मेरठ

बच्चे स्वेटर के इंतजार में बैठे हैं। यहां कई बच्चे काफी गरीब हैं। हालांकि सरकारी योजनाएं सिर्फ योजनाएं ही रह जाती हैं।

सुधीर, िशक्षा मित्र

बच्चों के लिए जनप्रतिनिधियों, एनजीओ आदि से मदद लेकर बच्चों को स्वेटर मुहैया करवाने की कोशिश की जा रही है।

धर्मपाल, शिक्षक

सरकारी योजनाएं बनाई जाती हैं। वाह-वाही लूटी जाती हैं लेकिन हकीकत से यह कोसों दूर रह जाती हैं।

सीमा, शिक्षक