इलाहाबाद हाईकोर्ट में ई कोर्ट का उद्घाटन, वकीलों को मिलेगी मुकदमों की जानकारी

ALLAHABAD: न्याय निष्पादन प्रणाली में कम्प्यूटराइजेशन से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसकी शुरुआत एक ऐतिहासिक क्रांति है। यह सिर्फ न्यायपालिका ही नहीं बल्कि जज, वकीलों, रजिस्ट्री और वादकारियों सभी के लिए लाभदायक साबित होगी। यह बात सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर ने कही। वे हाईकोर्ट की ई कोर्ट के उदघाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

ईमेल और एसएमएस से जानकारी

जस्टिस लोकुर ने कहा कि अधीनस्थ न्यायपालिकाओं को डाटा ग्रिड से जोड़ा जाएगा। भविष्य में मुकदमों की सूचनाएं ईमेल और एसएमएस से प्राप्त होंगी। कोर्ट की मोबाइल ऐप को 70 हजार लोग डाउनलोड कर चुके हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले ने कहा कि यह इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए ऐतिहासिक क्षण है। ई फाइलिंग दस्तावेज दाखिल हो रहे हैं। इनको सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती है। भविष्य में हाईकोर्ट पूरी तरह पेपरलेस होगा। बहुत कम समय में 80 हजार फाइलों को डिजिटलाइज किया गया है। वकीलों की सुविधा के लिए एसएमएस और वेब डायरी भी लांच की गई है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट को फायदा

सुप्रीमकोर्ट ई कमेटी के इंचार्ज जस्टिस लोकुर ने कहा कि आने वाले समय में देश के सभी हाईकोर्ट में ई कोर्ट स्थापित होंगे। ज्यूडिशियरी को अधिक से अधिक डिजिटल और पेपरलेस बनाने वाली उनकी अध्यक्षता की कमेटी ने 700 करोड़ जारी किए हैं। इसका सबसे अधिक फायदा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया है। ई कमेटी के चेयरमैन जस्टिस दिलीप गुप्ता ने कम्प्यूटराइजेशन कार्य की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने प्रदेश सरकार की ओर से पूरे सहयोग का वादा किया। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी, मुख्य सचिव राजीव कुमार सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। सभी का आभार जस्टिस तरुण अग्रवाल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन राजीव ने किया।

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