-आज एमपी करेंगे इनॉगरेशन

-समूचे कोल्हान को होगा फायदा, जांच के लिए नहीं जाना होगा रांची

JAMSHEDPUR: लंबे इंतजार के बाद एमडीआर वार्ड का तोहफा शहर के लोगों को मिलने जा रहा है। सदर हॉस्पिटल में मंगलवार को इस वार्ड उद्घाटन एमपी विद्युत वरण महतो करेंगे। यह जानकारी सोमवार को जिला टीबी पदाधिकारी डॉ। प्रभाकर भगत ने दी। कोल्हान में सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण अबतक एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट-टीबी) के लिए मरीजों को रांची जाना पड़ता था, लेकिन मंगलवार से यह सुविधा शहर में ही उपलब्ध हो सकेगी। करीब क्0 लाख की लागत से तैयार इस भवन में फिलहाल क्0 बेड होंगे। जिनमें पांच फीमेल और पांच मेल के लिए होंगे। विभाग का आंकड़ा देखा जाए, तो जिले में एमडीआर टीबी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। विभाग के अनुसार पिछले चार वर्षो में कुल ब्9 मरीजों की पहचान हुई है। इनमें आठ लोगों की मौत हो गई है।

टीबी हॉस्पिटल में लगेगा जीन एक्सपर्ट मशीन

साकची स्थित टीबी हॉस्पिटल में जल्दी ही जीन एक्सपर्ट मशीन लगाने का निर्णय लिया गया है। टीबी हॉस्पिटल में जीन एक्सपर्ट मशीन के संचालन के लिए अलग से वातानुकूलित हॉल तैयार किया जा रहा है। जांच में प्रयोग होने वाले कार्टेज को आठ डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर रखा जाएगा। वहीं, पावर बैकअप के लिए कम से कम पांच किलोवाट के इनवर्टर की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि, जांच के दौरान पावर कट होने से बलगम का नमूना बेकार हो जाएगा। इसके माध्यम से एमडीआर टीबी मरीजों की जांच सिर्फ ढाई घंटे में हो सकेगा। अभी तक जांच के लिए रांची जाना पड़ता रहा है।

क्या है एमडीआर टीबी ?

टीबी का अगला स्टेज एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट) होता है। टीबी की दवाओं का असर जब मरीज पर नहीं होता तो मरीज एमडीआर से पीडि़त होता है। इस स्थिति में डॉट प्लस थैरेपी से मरीज को दवाएं दी जाती हैं।

क्या होंगे फायदे

- पांच से आठ हजार में होने वाली जांच फ्री में होगी।

- रांची नहीं भेजना पड़ेगा बलगम का नमूना।

- महीनों के बजाय ढ़ाई घटे में मिलेगी जांच रिपोर्ट।

- जांच के बाद तत्काल व सटीक होगा इलाज।

- मशीन से फायदा करने वाली दवाओं की भी होगी जानकारी।

ऐसे पीडि़त होते हैं एमडीआर टीबी से

- डाट्स की दवाओं को छह महीने से

पहले छोड़ने की वजह से होता है एमडीआर टीबी।

- देश में कुल एक लाख लोग एमडीआर टीबी से ग्रसित हैं।

- मात्र पांच हजार एमडीआर टीबी मरीजों का ही होता है सरकारी इलाज।

- दुनिया में टीबी का हर पांचवा नया मामला भारत में ही सामने आता है।

- ख्009 में सामने आए 9.ब् मिलियन नए टीबी मरीजों में से दो मिलियन भारत से थे।

टीबी हॉस्पिटल में जल्द ही जीन एक्सपर्ट मशीन काम करना शुरु कर देगा। इससे एमडीआर मरीजों की जांच शहर में ही संभव हो सकेगा। अबतक मरीजों का नमूना लेकर जांच को रांची भेजा जाता रहा है।

- डॉ। प्रभाकर भगत, जिला टीबी पदाधिकारी