- इराक से सही सलामत लौटी शबाना पर टूटा दु:खों का पहाड़

- पति की हो चुकी थी मौत, घर के बाहर रखी थी बॉडी

<- इराक से सही सलामत लौटी शबाना पर टूटा दु:खों का पहाड़

- पति की हो चुकी थी मौत, घर के बाहर रखी थी बॉडी

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: या अल्लाह यही दिन दिखाना था तो इराक से मुझे यहां तक सही सलामत क्यों भेजा। ये तेरा कैसा इंसाफ है। इराक में आतंकी हमले के बीच जियारत कर सही सलामत लौटी दरियाबाद की शबाना उस वक्त बदहवास हो गई जब घर पहुंचते ही पता चला कि उसके पति का इंतकाल हो गया है। पति की बॉडी देखते ही वह तड़प उठी और अपने परवरदिगार से गिला शिकवा करने लगी।

खुद गए थे छोड़ने

दरियाबाद की शबाना भी इराक जाने वाले उस काफिले में शामिल थीं जिसके लौटने का इंतजार सबको था। काफिले में शामिल शबाना और उनकी मां शौकत ट्यूजडे को अपने घर वापस लौट आए। उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगने दी गयी थी कि घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दरियाबाद स्थित अपने घर शबाना पहुंची तो उसके होश उड़ गए। शबाना के शौहर असद (भ्0 वर्ष) की बॉडी सामने रखी थी। यह वही असद थे जो कुछ दिनों पहले बड़ी खुशी से मां और वाइफ को इराक जाने के लिए स्टेशन तक छोड़ने गए थे। दोपहर बाद दरियाबाद में गमगीन माहौल में असद को सुपुर्दे खाक किया गया।

तीन दर्जन से अधिक गए थे

दरियाबाद से गए काफिले में करीब तीन दर्जन जायरीन जियारत के लिए इराक गए थे। उनके फैमिली मेम्बर्स की मानें तो सभी लोग सही सलामत हैं। वे इराक से चल दिए हैं और उम्मीद है कि बुधवार की सुबह तक सभी लोग इलाहाबाद में अपनों के बीच होंगे। कुछ जायरीनों के परिजन तो उन्हें लेने के लिए दिल्ली ओर लखनऊ रवाना हो गए हैं।