- यूनिवर्सिटीज में ऑनलाइन फॉर्म भरे जाने के चलते साइबर कैफे में हो रही है भीड़

- खुल गये हैं नये साइबर कैफे, कुछ जगहों पर तो सिर्फ ऑनलाइन एडमिशन फॉर्म ही भरे जा रहे हैं

VARANASI: सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने घर घर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करा दी। रही सही कसर हर हाथ में मोबाइल ने पूरी कर दी। कुल मिलाकर साइबर कैफे की ओर लोगों को जाना बहुत कम हो गया। लेकिन इन दिनों इस सिचुएशन में तब्दीली आयी है। जी हां, साइबर कैफेज में भीड़ उमड़ रही है। यह भीड़ है कॉलेजेज में एडमिशन के ख्वाहिशमंद कैंडीडेट की। बीएचयू से लेकर काशी विद्यापीठ तक और दूसरे विभिन्न इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजेज में ऑनलाइन फॉर्म भरे जा रहे हैं। इसके चलते साइबर कैफे संचालकों की चांदी हो गयी है।

सिर्फ फॉर्म की कमाई

इन दिनों बीएचयू के यूईटी, पीईटी, बीएससी नर्सिग, बी फॉर्म आदि कोर्सेज के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरा जा रहा है। इसके चलते लंका, अस्सी भेलूपुर आदि इलाकों में कई छोटे-मोटे साइबर कैफे खुल गये है। मैग्जीन बेचने वाला भी एक कंप्यूटर लगा कर ऑनलाइन फॉर्म भरवा रहा है। बीएचयू के अलावा विभिन्न इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजेज व प्रदेश के विभिन्न बीएड कॉलेजेज में दाखिले के लिए भी ऑनलाइन फॉर्म भरे जा रहे हैं। इंग्लिशिया लाइन, भोजूबीर, गोदोलिया तक के तकरीबन हर साइबर कैफे वालों ने 'ऑनलाइन फॅार्म भरा जाता है' का बोर्ड भी लगा िदया है।

मनमाना है रेट

परेशान करने वाली बात यह है कि ऑनलाइन फॉर्म भरवाने का कोई फिक्स रेट नहीं है। कहीं पर यह रेट म्0 रुपये है तो कहीं पर 80 रुपये। वैसे कुछ जगहों पर इससे कम में भी फॉर्म भरा जा रहा है। कुल मिलाकर कहें कि जिसकी यहां जितनी भीड़ उसका रेट उतना अधिक। इंग्लिशिया लाइन के एक साइबर कैफे से फॉर्म भरने गये राजेश ने बताया कि घर पर फॉर्म भरने से बेहतर है कि किसी साइबर कैफे से संपर्क किया जाय। क्योंकि साइबर कैफे वालों के स्कैनर, प्रिंटर आदि की सुविधा उपलब्ध है। आपको कहीं जाना नहीं होगा। इसके लिए थोड़े पैसे खर्च करने होंगे।

इनसे हो रही है कमाई

-बीएचयू में यूईटी, पीईटी, बीएससी नर्सिग इत्यादि

-इंजीनियरिंग व मेडिकल के फॉर्म

-यूपी बीएड फॉर्म

-पासपोर्ट फॉर्म

-इसके अलावा बिजली और टेलिफोन का बिल जमा

-रेलवे, एयर टिकट

-इंजीनियरिंग व मेडिकल के फॉर्म