अगर मान लिया गया सुझाव को, तो...
कहा जा रहा है कि अगर आर वी ईश्वर समिति के सुझाव को मान लिया गया तो इनकम टैक्स रिफंड के लिए इनकम टैक्स पेयर्स को अब दो से तीन साल तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वो बात और है कि हाल ही के दिनों में ई-रिटर्न को फाइल करने वालों को 2-3 माह में रिफंड मिलने लगा है। वहीं समिति की ओर से सिफारिश की गई है कि इसको मैनुअल तरीके से रिटर्न फाइल करने वालों पर भी लागू किया जाए।

ऐसा कहती है धारा
समिति के अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के 6 महीने के दौरान ही रिफंड दे दिया जाना चाहिए। वो बात और है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 143 (आईडी) के अनुसार ये कहीं भी जरूरी नहीं है कि स्क्रूटनी नोटिस जारी होने के बाद रिटर्न की प्रक्रिया को शुरू कर दी जाए।

करोड़ों मामलों में जारी हुए रिफंड
गौरतलब है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर के दौरान 3.27 करोड़ आईटी रिटर्न की जांच परखकर उसे अपने रिकॉर्ड में लिया गया। इतना ही नहीं 1.81 करोड़ मामलों में रिफंड जारी भी कर दिए गए। इन सबको लेकर एक आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी), बेंगलुरू की ओर से 31 दिसंबर तक 3.27 करोड़ रिटर्न मामलों की जांच पड़ताल की गई है। बताया गया है कि यह इससे बीते वित्त वर्ष की समान अवधि के 2.65 करोड़ के आंकड़े से 18 प्रतिशत ज्यादा है।

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