उठाया था मुद्दा

तीन दिन पहले आई नेक्स्ट ने पेरेंट्स पर स्कूल से ही बुक्स और स्टेशनरी खरीदने को मजबूर करने का मामला उठाया था। साथ ही इसमें पब्लिशर और स्कूल मैनेजमेंट को भी कठघरे में खड़ा किया था। स्कूल से दी जा रही बुक्स व स्टेशनरी का बिल न दिए जाने का भी सवाल उठाया था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्कूल मैनेजमेंट की इस मनमानी को रोकने के लिए इंवेस्टिगेशन टीम को जिम्मेदारी सौंपी। डिपार्टमेंट की इंवेस्टिगेशन विंग ने सभी स्कूल्स में की जा रही बुक्स और स्टेशनरी का डेटा जुटाया। किन-किन स्कूल्स में यह गड़बड़ी चल रही है, उनकी भी लिस्ट तैयार की गई।

हिसाब तो देना ही होगा

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इंवेस्टिगेशन विंग ने बकायदा इन स्कूल्स के मैनेजमेंट को नोटिस भी जारी किया है। इसमें उन्हें स्कूल प्रिमाइसिस में की जा रही बुक्स और स्टेशनरी की डिटेल्स उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही स्कूल में कितने बच्चे हैं और किस-किस क्लास को कौन-कौन सी बुक्स और कॉपियां लेने को कहा गया है, इसकी भी जानकारी मांगी है। इतना ही नहीं, स्कूल में किस स्टेशनरी वाले की स्टाल लगी है, इसकी भी जानकारी देने को कहा है।

नहीं तो होगी कार्रवाई

हालांकि बुक्स और स्टेशनरी सेल्स टैक्स के दायरे में नहीं आती हैं। इसी का फायदा उठा रहे इन स्टेशनर्स और स्कूल मैनेजमेंट पर इनकम टैक्स के तहत कार्रवाई करने का डिपार्टमेंट ने प्लान तैयार किया। इसमें स्कूल मैनेजमेंट से तलब की गई जानकारी न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी डिपार्टमेंट ने दी है। डिपार्टमेंट ने साफ कर दिया है कि यदि यह जानकारी नहीं उपलब्ध कराई जाती तो इसमें स्कूल मैनेजमेंट को भी शामिल माना जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल पहुंचे और मारा छापा

ट्यूजडे को इनकम टैक्स की इंवेस्टिगेशन विंग के इंस्पेक्टर वरुण कुमार सरकार ने टीम के साथ सेंट क्लेयर्स स्कूल पर छापा मारा। यहां से उन्होंने बुक्स और स्टेशनरी ले रहे पेरेंट्स से जानकारी जुटाई। हालांकि स्कूल के गेट पर ताला बंद होने से टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम का कहना है कि जरूरी जानकारी उन्हें हासिल हो गई है। इससे पहले भी इसका पूरा डेटा तैयार किया जा चुका है। छापेमारी के दौरान सावधान व्यापारी फेडरेशन के मेंबर्स भी मौजूद रहे।

14 जिलों में होगी कार्रवाई

स्कूल्स में बगैर बिल के बेची जा रही बुक्स और स्टेशनरी को लेकर आगरा ही नहीं, इस जोन में आने वाले 14 अन्य डिस्ट्रिक्ट में यह अभियान चलेगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का मानना है कि बुक्स और स्टेशनरी से काफी मुनाफा कमाया जा रहा है। 50 रुपए की बुक्स पर सौ-सौ रुपए वसूले जा रहे हैं और इनका कोई बिल भी नहीं दिया जा रहा है। लाखों की इंकम के बावजूद टैक्स बचाने का भी यह मामला बनता है। इसलिए जोन के अन्य डिस्ट्रिक्ट में भी यह कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन

स्कूल्स में बुक्स और स्टेशनरी बेचे जाने के बावजूद बिल नहीं दिए जा रहे हैं। इसे गंभीरता से लिया गया है। कई स्कूल्स को उनके यहां बेची जा रही किताबों, बच्चों की संख्या आदि की जानकारी मांगी गई है। इसके लिए उन्हें नोटिस भी जारी किए गए हैं।

-शिवदान सिंह भदौरिया,

कमिश्नर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट