- बढ़ती ठंड के साथ ही बढ़ने लगा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

- खानपान से लेकर गर्म कपड़े पहनने में कतई न बरतें कोताही

ठंड है खतरे की घंटी
न्यूरो सर्जन डॉ। मुकेश शुक्ला बताते हैं कि सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या गर्मियों की अपेक्षा लगभग दोगुनी हो जाती है। इस बीमारी की वजह से दिमाग की किसी रक्त नलिका में खून का जमाव हो जाता है। जिससे खून का बहाव सुचारू रूप से नहीं हो पाता। इससे उस रक्त नलिका से जुड़े शरीर के अन्य भाग काम करना बंद कर देते हैं। ब्रेन स्ट्रोक का ठंड से सीधा जुड़ाव है। सर्दियों में खून गाढ़ा हो जाता है। वहीं ठंड के मौसम में लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए ज्यादा कैलोरी युक्त भोजन लेने लगते हैं। इससे कोलेस्ट्राल काफी तेजी से बढ़ता है। यही वजह है कि अब बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी बड़ी संख्या में ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक के कुल मरीजों में 30 फीसदी ऐसे युवा हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है। साल दर साल यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। इन युवा मरीजों में 80 फीसदी पुरुष हैं।

क्या है ब्रेन स्ट्रोक
डॉ। मुकेश शुक्ला के मुताबिक रक्त धमनियों में सिकुड़न या क्लॉटिंग (नलियों में वसा का जमना) के कारण मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिसे इस्कॉमिक स्ट्रोक कहते हैं। लेकिन जब मस्तिष्क के भीतर धमनियां फट जाती हैं तो इसे हैमरेजिक स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज कहते हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी में स्ट्रोक के लक्षण दिखते हैं और स्वत: ही 24 घंटे के अंदर ठीक भी हो जाते हैं तो इसे ट्रांजियंट इस्कामिक स्ट्रोक कहते हैं। यह ब्रेन स्ट्रोक की चेतावनी है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर्स से सलाह लेनी चाहिए।

स्ट्रोक होने पर क्या करें
मरीज को स्ट्रोक के साढ़े चार घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाएं, मरीज को धमनियों के माध्यम से दवाएं दी जाती हैं जो मस्तिष्क में जाकर खून के थक्के तोड़ देती हैं।

प्रमुख जांचें
ब्रेन स्ट्रोक की प्रारंभिक जांचों में कुछ ब्लड टेस्ट और सीटी स्कैन किए जाते हैं। एमआरआई, एंजियोग्राफी और 2डी ईको भी कराया जाता है।

ऐसे करें बचाव
- सर्दियों में कोलेस्ट्राल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।

- जब मौसम काफी ठंडा हो तो घर से बाहर न निकलें, जरूरत पर ऊनी कपड़े ही पहनकर बाहर निकलें

- नियमित रूप से व्यायाम करें

- भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें।

लक्षण
शरीर के आधे हिस्से में कमजोरी

आधे चेहरे, एक हाथ या पैर में सुन्नपन या कमजोरी महसूस होना

हाथ-पैर का संतुलन बिगड़ना

बेहोशी आना

सिर में तेज दर्द के साथ उल्टी और चक्कर आना

भ्रम की स्थिति होना

आंख से धुंधला या डबल दिखना, निगलने में परेशानी, चाल में लड़खड़ाहट, आवाज में तुतलाहट आदि।

रखें विशेष ध्यान

- दिल और रक्तचाप के मरीज सुबह एकदम से ठंड में बाहर न जाएं

- बिस्तर से उठने से पहले गर्म कपड़े पहने

- बिस्तर से उठते समय थोड़ा व्यायाम करते हुए उठें

- सर्दी के मौसम में सिर, हाथ पैर को पूरी तरह से ढक कर चलें, ताकि सर्द हवाएं आपके शरीर के अंदर न जा सकें।

क्या कहते हैं डॉक्टर
सर्दी के मौसम में सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस मौसम में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा होता है। ऐसे में खानपान से लेकर गर्म कपड़े पहनने में कोताही न बरतें।
- डॉ। मुकेश शुक्ला, न्यूरो सर्जन