- रेलवे क्राइम्स में महाराष्ट्र के बाद यूपी दूसरे नंबर पर

- सबसे ज्यादा होती है किडनैपिंग, रॉबरी और चोरी

- एनसीआरबी के अनुसार यूपी में होता है हर दो घंटे में क्राइम

sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : इंडिया में रेवले को लाइफ लाइन कहा जाता है। कई शहर तो ऐसे हैं, जिनकी लाइफ रेल के बिना बिल्कुल अधूरी है। अपने शहर में हर रोज रेलवे से सफर करने वालों की संख्या करीब ब्0 हजार है, जिनमें ख्भ् हजार तो डेली पैसेंजर हैं। अगर इस लाइफ लाइन और इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को नुकसान पहुंचे तो दिक्कत होती है। आज हम आपके सामने इस लाइफ लाइन की स्याह तस्वीर पेश करने जा रहे हैं जिसको देखकर आप भी चौंक जाएंगे

हर रोज तीन घटनाएं

बात मेरठ से शुरू की जाए तो दिल्ली-मुरादाबाद रीजन में हर रोज तीन घटनाएं हो रही हैं, जिन्हें रोकने के प्रयास में जीआरपीएफ पूरी तरह से विफल है। ख्0क्फ् में लूट, हत्या, चोरी और अपहरण के मामले ख्00 हुए हैं। ख्0क्ख् में कुल क्म्फ् मामले हुए थे। ख्0क्क् में केवल क्08 मामले की सामने आए थे। लोकल अधिकारियों की मानें तो जीआरपीएफ सुरक्षा कर्मियों की कमी काफी है। जिस कारण इन मामलों में अंकुश लगा पाना काफी मुश्किल हो रहा है।

चोरी और लूट में हुई बढ़ोतरी

ख्0क्फ् में चोरी की क्ख्भ् वारदातें हुई। लूट की वारदात ब्भ् दर्ज की गई। जो ख्0क्ख् और ख्0क्क् के मुकाबले में काफी ज्यादा है। ख्0क्ख् में चोरी के मामले 97 दर्ज हुए थे। जबकि लूट के फ्9 मामले थे। ख्0क्क् में 7क् मामले चोरी के थे और लूट के ख्ख् मामले थे। एक्सपर्ट की मानें तो अगर इसी तरह से रेलवे में अपराध की बढ़ोतरी होती रही तो आने वाले समय में पब्लिक ट्रेन में सफर करने से कतराने लगेगी।

दो घंटे में एक क्राइम

रेलवे व्यवस्थाओं को लेकर दावे करने वाली सरकार की आंखों से पट्टी खोलने के लिए काफी है कि यूपी में रेलवे में हर दो घंटे में एक क्राइम हो रहा है, जिसे रोकने में केंद्र सरकार और जीआरपीएफ पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। ख्0क्फ् में ब्क्म्9 क्राइम हुए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। अगर हालात यही रहे तो अगले साल आंकड़ों में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।

हर तीन घंटे में चोरी

भले ही महाराष्ट्र के मुकाबले यूपी में पब्लिक ट्रेनों में कम सफर करती हो, लेकिन चोरी के मामलों में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों प्रदेशों में चोरी में अंतर सिर्फ भ्00 का ही है। महाराष्ट्र में चोरी के मामलों की बात की जाए तो फ्भ्म्क् है। वहीं यूपी में फ्0ब्फ् चोरी के मामले सामने आए। इस तरह यूपी में हर तीन घंटे में एक चोरी होती है। इस तरह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पैसेजेंर का सामान बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।

मेरठ भी दे रहा है सभी को मात

क्राइम ख्0क्क् ख्0क्ख् ख्0क्फ्

लूट ख्ख् फ्9 ब्भ्

हत्या 0म् क्क् 09

अपहरण 09 क्म् ख्क्

चोरी 7क् 97 क्ख्भ्

टोटल क्08 क्म्फ् ख्00

यूपी में रेलवे में क्राइम कम नहीं है

क्राइम महाराष्ट्र यूपी एमपी बिहार एपी

क्। मर्डर/

अटेंप्ट फ्क् ब्ब् क्7 70 क्9

ख्। रेप क्क् फ् 9 7 क्

फ्। किडनैपिंग क्फ् भ्भ् क्फ् ब्0 फ्

ब्। डकैती/

तैयारी क्ब् क्क् ख् ख्0 फ्

भ्। रॉबरी म्0म् भ्ख् भ्भ् फ्ब् क्0

म्। सेंधमारी म् क् क्8 8 0

7. चोरी फ्भ्म्क् फ्0ब्फ् ख्7म्क् क्ब्8भ् क्म्क्फ्

8. दंगे क्म् ख्8 8 ख्8 क्

9. आगजनी 0 0 0 0 क्

क्0. अन्य भ्0क् क्0फ्ख् भ्ब्म् भ्9क् ख्7ख्

टोटल ब्7भ्9 ब्क्म्9 फ्ब्ख्9 ख्ख्8फ् क्9ख्फ्

ऑफिशियल स्टैंड

मैंने एनसीआरबी की रिपोर्ट को नहीं देखा है। जब तक मैं रिपोर्ट को ठीक से स्टडी नहीं कर लेता तब तक किसी भी तरह का कोई कमेंट देने में सक्षम नहीं हूं।

- एडीजी लखनऊ, जीआरपीएफ

मुझे अभी ट्रेन पकड़नी है। आपकी आवाज भी साफ नहीं आ रही है। मैं आपको थोड़ी देर में फोन करता हूं। (जब रिपोर्टर ने आधे घंटे के बाद फोन किया तो आउट रीच था.)

- आनंद कुलकर्णी, एसपी मुरादाबाद, जीआरपीएफ