शहर में श्वास व दमा रोगियों की बढ़ रही संख्या, लगातार बढ़ रहा पाल्यूशन लेवल

शहर में हर तरफ दिख रही सिर्फ धूल ही धूल, मास्क लगाकर निकलना बना मजबूरी

ALLAHABAD: कुंभ मेला 2019 के लिए चल रहे डेवलपमेंट वर्क के साथ ही सीवर लाइन बिछाने के लिए हो रही खोदाई से पूरा शहर गर्द-ओ-गुबार में डूबा हुआ है। इसकी वजह से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। धूल व गंदगी का गुबार पूरे शहर को बीमार बना रहा है। चारों तरफ उड़ रही धूल से इलाहाबाद की हवा में पीएम 2.5 यानी महीन कड़ की मात्रा काफी बढ़ गई है। पीएम 2.5 की मात्रा 190 माइक्त्रोग्राम प्रति क्यूबिक के करीब पहुंच गई है, जो निर्धारित मानक से काफी ज्यादा है।

रोड पर लगा है मिट्टी का ढेर

चौड़ीकरण के लिए शहर की करीब एक दर्जन से अधिक सड़कों की पटरियां खोद कर छोड़ दी गई हैं। कुछ सड़कों पर काम चल रहा है तो ज्यादातर सड़कों के किनारे मिट्टी का ढेर लगा हुआ है। इसी तरह सीवर लाइन बिछाने के लिए राजरूपपुर, 60 फीट रोड, लूकरगंज से लेकर तेलियरगंज, ममफोर्डगंज आदि करीब-करीब सभी एरिया में सड़क खोदी गई है। इसकी वजह से जब वाहन गुजरते हैं तो धूल का गुबार उठता है। रामबाग, हाईकोर्ट फ्लाईओवर, पानी टंकी फ्लाईओवर निर्माण के साथ ही अन्य स्थानों पर चल रहे काम की वजह से भी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं या गायब हैं, वहां बची है तो सिर्फ धूल।

पानी का कराया जाए छिड़काव

पानी का छिड़काव नहीं होने से पब्लिक के साथ ही स्थानीय लोग, दुकानदार व राहगीर भी परेशान हैं। अफसरों की लापरवाही लोगों को बीमार बना रही है। सीवर लाइन बिछाने के लिए बेतरतीब तरीके से सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया है। इसके चलते राहगीरों को जहां दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है वहीं धूल से लोग बीमार हो रहे हैं।

मानसिक तनाव के हो रहे शिकार

दुकानदारों ने सुबह और शाम निर्माणाधीन सड़क पर पानी गिराने की मांग की है। ताकि धूल की समस्या से निजात मिल सके। सरकारी और निजी अस्पतालों में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या पर नजर डालें तो पता चलता है कि धूल से फेफड़े खराब हो रहे हैं। वाहनों के शोरगुल के बीच जाम में घंटों फंसने से लोग मानसिक तनाव से ग्रस्त हो रहे हैं। खस्ताहाल सड़कों पर वाहन दौड़ाने वाले आम शहरी तेजी से सर्वाइकल स्पांडलाइटिस जैसे रोग के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टर भी मान रहे हैं कि धूल और खराब सड़कें स्वास्थ्य पर असर डाल रही हैं। बाइक, स्कूटर या ऑटो से चलने वालों में यह समस्या अधिक है।

शहर में फैली धूल ने अच्छे खासे युवाओं को श्वास का मरीज बना दिया है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें, अन्यथा शहर में बीमार लोगों की फौज खड़ी हो जाएगी।

सुधांशु शेखर पांडेय

चारों तरफ उड़ रही धूल के कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। यही नहीं थोड़ी देर चलने पर सांस फूलने लगती है। युवाओं का जब ये हाल हो रहा है, तो फिर बुजुर्गो और बच्चों का क्या हाल होगा।

अमन गुप्ता

वर्तमान में शहर की जो स्थिति हो गई है, उसमें सेफ रहने के लिए अब मास्क लगाना जरूरी हो गया है। जो लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं, वे बीमारी के शिकार हो रहे हैं।

हिमांशु टंडन

धूल के कारण दिक्कत हो रही है। इसीलिए मास्क लगा कर निकलना पड़ता है। रोड की खोदाई की वजह से और भी ज्यादा दिक्कत हो रही है।

सोहित मिश्रा

इस डस्ट ने पूरे शहरवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। चौड़ीकरण के नाम पर शहर में जगह-जगह रोड खोद कर छोड़ दी गई है, इससे गाडि़यों के गुजरने पर धूल उड़ रही है।

अमन शर्मा

शहर में फैले धूल के गुबार की वजह से स्थनीय लोगों व आने-जाने वालों को मसक्कत का सामना करना पड़ रहा है। धूल और प्रदूषण से गंभीर बीमारियां होने की संभावना बढ़ गई हैं।

आर्य यदुवंशी

मेरी तो आंख खराब हो गई है, धूल व पॉल्यूशन के कारण। रोज बाइक से कॉलेज और कोचिंग आना-जाना पड़ता है। आंख में जलन होती है और विजन भी कम हो गया है।

कुलदीप त्रिपाठी

धूल और गंदगी से तो लोग परेशान हैं ही। वहीं कुछ लोगों द्वारा कूडे़ के ढेर में आग लगा दिया जाता है। इससे इतना धुआं निकलता है कि दम घुटने लगता है। कचरा जलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

अमित मिश्रा

डस्ट ने मुझे दस दिन के लिए हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। मेरी तबियत बिगड़ गई। डॉक्टर ने बीमारी का कारण धूल व गंदगी बताया, जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

सैय्यद तारीक सगीर

शहर में जगह-जगह हो रही खोदाई से उड़ रही धूल में चलना दुश्वार हो गया है। मुझे धूल से एलर्जी है। लेकिन क्या करें, धूल से कैसे बच सकते हैं। धूल की वजह से हमारा स्वास्थ्य गड़बड़ हो जाता है।

शेखर सिंह

ओपीडी में आ रहे मरीजों में श्वांस रोग के शिकार लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें बुजुर्ग ही नहीं युवा भी शामिल हैं। सड़कों पर उड़ रही धूल की वजह से लोगों की सेहत खराब हो रही है। लोगों को जरूरी दवाइयां देने के साथ ही उन्हें मॉस्क लगाकर बाहर निकलने की सलाह दी जाती है।

डॉ। आशुतोष गुप्ता

चेस्ट चेस्ट फीजिशियन

प्रदूषण के मामले में कहां है इलाहाबाद

2016

मई में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के दस सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची जारी की थी। इसमें इलाहाबाद को सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर बताया गया था।

2017

अक्टूबर में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने रिपोर्ट जारी की थी। इसमें इलाहाबाद को देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था।

2018

जनवरी ग्रीनपीस इंडिया के सर्वे रिपोर्ट एयरपोक्लिपस में इलाहाबाद को देश का 22वां सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है।