-अपराध जगत में हनक व पैसों की लालच में शूटर्स की बढ़ रही तादाद

-बड़े अपराधी और आपराधिक गैंग के मुखिया कर रहे शूटर्स का इस्तेमाल

ajeet.singh@inext.co.in

PRAYAGRAJ: प्रयागराज में कांट्रैक्ट किलर्स की डिमांड बढ़ गई है। एक तरफ पुलिस अधिकारी अपराधियों पर शिंकजा कसने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बड़े अपराधिक घटनाओं में बड़े अपराधी और गैंग अब खुद शामिल न होकर ठेके पर शूटर्स से काम करा रहे हैं, ताकि मामले में उनका नाम न सामने आए। पैसों और अपराध जगत में अपनी हनक बनाने का ख्वाब देखने वाले युवा आसानी से इनके चंगुल में फंस रहे हैं।

देते हैं हत्या की सुपारी

सूत्रों की मानें तो जेल में बंद बड़े अपराधी या गैंग लीडर अगर किसी की हत्या कराना चाहता है तो छोटे-मोटे गैंग के सदस्यों से सम्पर्क करता है। ये मोटी रकम लेकर हत्या की सुपारी लेते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि बड़े गैंग के लोगों को जेल के अंदर ही सुपारी किलर मिल जाते हैं, जिनके सम्पर्क में बाहर लोग रहते हैं। जेल में बंद गैंग के सदस्य मिलाई पर आने वाले दूसरे सदस्यों से टेंडर का जिक्र करते हैं और पूरी बात तय हो जाती है। इसमें सतर्कता ये बरती जाती है कि बाहरी शूटर्स का ही इस्तेमाल किया जाए ताकि वह जल्द पुलिस के हत्थे न चढ़ सके।

केस-1

एसटीएफ टीम ने कुछ दिनों पूर्व अनूप शर्मा, विष्णु कुशवाहा, पंकज श्रीवास्तव, दीपक कुमार मलिक, मनप्रीत सिंह, सरताज अहमद, चरनजीत सिंह और हरीशचंद्र शर्मा को जॉर्ज टाउन एरिया से पकड़ा था। पकड़े गए सभी सुपारी किलर्स थे। ये सभी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से सिटी में आए थे। टीम ने पकड़ने का प्रयास किया तो हल्की मुठभेड़ हो गई। इसके बाद तीन गाडि़यों में सवार आठ सुपारी किलर्स को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से दो पिस्टल, एक रिवॉल्वर, पांच तमंचे, 21 जिंदा कारतूस, तीन कारें, 10 मोबाइल फोन सहित कई एटीएम कार्ड बरामद हुए थे।

केस-2

क्राइम ब्रांच ने एक सुपारी किलर को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए किलर रत्नेश कुमार ने बताया कि सरसवां कौशांबी के प्रधानपति पवन मौर्या की हत्या की सुपारी दानिश नामक शख्स ने दिया था। एडवांस के रूप में अस्सी हजार रुपए लिया था। रत्नेश ने साथी दानिश, साहिबा व हाशिम के साथ रेकी की और सात-आठ मई की रात चित्रकूट के खोही गांव के पास शादी समारोह से बोलेरो से लौट रहे पवन मौर्या व परिवार पर हत्या के इरादे से फायरिंग की। इसमें कई लोग घायल हुए, जवाबी फायरिंग पर सभी भाग गए। इनके पास से पुलिस को कई तमंचे, दर्जनों कारतूस व नगदी बरामद हुई थी।

केस-3

एसटीएफ ने राम लखन मौर्या नामक अभियुक्त को पकडा। उसने पूछताछ में बताया कि शिवराजपुर बिहवा गांव के सुरेन्द्र मौर्या की हत्या कराना चाहता था। इसके लिए उसने सत्येन्द्र कुमार के माध्यम से कृष्ण शंकर व विनोद पाण्डेय को एक लाख की सुपारी दी। इसके बाद एसटीएफ ने सभी किलर को पकड़ लिया। पकड़े गए सभी बदमाशों ने स्वीकार किया कि वे आस पास के जिले में लोगों की भाड़े पर हत्या करने का ठेका लेते हैं। टीम ने गिरोह के पास से तीन तमंचा, चोरी की बाइक, दो मोबाइल और कारतूस बरामद किया था। सभी को प्रतापगढ़ के अमेठी हाइवे के निकट स्थित एक इंटर कॉलेज के पास से पकड़ा गया था।

केस-4

एसटीएफ इंस्पेक्टर अजय सिंह ने एक मुठभेड़ के बाद विपिन सिंह उर्फ मोनू उर्फ नागा उर्फ ढेला नामक अपराधी को गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक पिस्टल भी बरामद हुई थी। पूछताछ में कई कत्ल का खुलासा हुआ था। उसने साथियों के साथ मिलकर प्रतापगढ़ के फतनपुर में जावेद नाम के शख्स की तीन महीने पहले हत्या की बात स्वीकार की थी। विपिन के साथ उसके साथियों सत्येंद्र सिंह, नंदन सिंह और भोलू सिंह को भी नामजद किया गया था। पकड़े गए कांट्रैक्ट किलर गिरोह के सदस्यों ने मिर्जापुर के एक बड़े ठेकेदार के हत्या की सुपारी ली थी।