एयर पॉल्यूशन कैंसर का कारण
कंट्री में फिलहाल करीब 25 लाख कैंसर पेशेंट्स होने का अनुमान है। डिफरेंट टाइप के कैंसर के लिए कई वजहें जिम्मेदार होती हैं। हाल ही में डब्ल्यूएचओ की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने एयर पॉल्यूशन को कार्सियोजेनिक डिक्लेयर करते हुए इसे लंग कैंसर का एक बड़ा रीजन बताया। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंट्री में हर साल करीब 90 हजार पुरुष और 79 हजार महिलाएं लंग और ब्रोंकाई कैंसर के लिए डायग्नोज की जाती हैं। आईएआरसी की रिपोर्ट पर गौर करें, तो हम पाएंगे कि लंग कैंसर के इन बढ़ते मामलों में एयर पॉल्यूशन का बड़ा हाथ नजर आता है।
State में आते हैं कई मामले
सिटी स्थित मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में हर साल कैंसर के करीब 22 हजार ओपीडी पेशेंट्स आते हैं,  वहीं इनडोर में भी करीब सात हजार पेशेंट्स का ट्रीटमेंट होता है। इन मामलों में कई लंग कैंसर के भी होते है। हॉस्पिटल के सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर मो। हशमतुल्लाह ने बताया कि मार्च 2012 से मार्च 2013 तक हॉस्पिटल में लंग कैंसर के 70 मामले आए। उन्होंने एयर पॉल्यूशन को इसकी बड़ी वजह बताई। उन्होंने कहा कि लंग कैंसर के ज्यादातर मामले धनबाद, झरिया, पतरातू जैसी जगहों से आते हैं।

चिंताजनक pollution level
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा पिछले साल जारी 2010 एंबिएंट एयर क्वालिटी की रिपोर्ट के अकॉर्डिंग स्टेट में SO2 का लेवल कंट्री में सबसे ज्यादा है। स्टेट में SO2 का मैक्सिमम एनुअल एवरेज कंसंट्रेशन 23 माइक्रोग्र्राम m3R है। पीएम 10 पॉल्यूटेंट के मामले में भी 193 Rmcg/m3 के साथ झारखंड का दिल्ली के बाद दूसरा स्थान है। बात सिटी की करें तो सीपीसीबी की रिपोर्ट में इसे भी पीएम 10 पॉल्यूटेंट के मामले में क्रिटिकल जोन में रखा गया है। पीएम 10 के मामले में धनबाद की कंडीशन जमशेदपुर से भी खराब है। जमशेदपुर में जहां पीएम 10 का लेवल 153 Rmcg/m3 था, वहीं धनबाद में ये लेवल 184 Rmcg/m3 था।

'एयर पॉल्यूशन लंग कैंसर की एक बड़ी वजह है। हमारे यहां घनबाद, झरिया, पतरातू जैसी जगहों से लंग कैंसर के कई मामले आते हैं.'
-मो हशमतुल्लाह सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, एमटीएमएच

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