बढ़ रहा है e-transaction
इसका अंदाजा गवर्नमेंट के डिफरेंट डिपार्टमेंट्स द्वारा किए जा रहे ई-ट्रांजेक्शन की संख्या से लगाया जा सकता है। जनवरी से लेकर 25 अगस्त तक स्टेट के डिफरेंट गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स द्वारा 27 लाख 96 हजार 661 (शाम साढ़े छह बजे तक) ई-ट्रांजेक्शन किए गए। सिर्फ अगस्त महीने में दो लाख 55 हजार से ज्यादा ई-ट्रांजेक्शन हुए हैैं।

Health और Transport Department हैं आगे
स्टेट में ई-ट्रांजेक्शन के मामले में हेल्थ और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट सबसे आगे है। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा एक जनवरी से 25 अगस्त के दौरान 6 लाख 38 हजार से ज्यादा ई-ट्रांजेक्शन हुए वहीं ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से पांच लाख 49 हजार 119 ई-ट्रांजेक्शन किए गए। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा किए गए ई-ट्रांजेक्शन में चिल्ड्रेन, पेशेंट और प्रेग्नेंट वूमेन का रजिस्ट्रेशन शामिल है। वहीं ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के ई-ट्रांजेक्शन्स में न्यू व्हीकल रजिस्ट्रेशन, फिटनेस फी, ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप, ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू और इंडोर्समेंट सहित कई अन्य सेवाएं शामिल हैं। डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर जार्ज कुमार सरकारी कामों में आईटी के इस्तेमाल को अच्छी पहले बताते हुए इसे डिपार्टमेंट्स और आम लोगों के लिए काफी फायदेमंद बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे सर्विस डिलीवरी इफेक्टिव होने के साथ-साथ डिलीवरी टाइम में भी कमी आती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा जल्द ही  ई-पेमेंट की सुविधा भी स्टार्ट की जाने वाली है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से लोग घर बैठे नेट बैैंकिंग जैसे तरीकों से डिफरेंट टैक्सेज और फी जमा कर पाएंगे।

पीछे है education department
बात ई-ट्रांजेक्शन की हो तो स्टेट में सबसे पीछे एजुकेशन डिपार्टमेंट नजर आता है। एक जनवरी से लेकर 25 अगस्त तक एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा महज दो ई-ट्रांजेक्शन किए गए। वहीं यूटिलिटी सर्विसेज और बिल पेमेंट के लिए 10, सीनियर सिटीजन, ओल्ड एज, विडो पेंशन के लिए 34, आरटीआई के लिए 34 और ई-प्रोक्योरमेंट के लिए छह हजार 589 से ज्यादा ई-ट्रांजेक्शन किए गए। इसके लिए कई अन्य सर्विसेज के लिए भी बड़ी संख्या में ई-ट्रांजेक्शन हुए हैं। ई-ट्रांजेक्शन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल डिफरेंट सर्टिफिकेट्स इश्यू करने में हुआ है। पिछले करीब आठ महीनों में बर्थ, कास्ट, डोमिसाइल, इंकम सहित अन्य सर्टिफिकेट्स इश्यू करने के लिए 16 लाख से ज्यादा ई-ट्रांजेक्शन हुए हैं।

क्या है e-transaction
 ई-ट्रांजेक्शन गवर्नमेंट सर्विसेज की डिलीवरी के उस तरीके को कहते हैं जिसमें आईटी का इस्तेमाल होता है। ई-ट्रांजेक्शन की कैटगरी में शामिल होने के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। किसी सर्विस का रिक्वेस्ट अगर मोबाइल सहित किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जाए, वर्कफ्लो या अप्रूवल प्रॉसेस इलेक्ट्रॉनिक हो, डाटाबेस इलेक्ट्रॉनिक हो और सर्विस डिलीवरी इलेक्ट्रॉनिक हो, इन चारों शर्तों को पूरा करने पर ही किसी सर्विस डिलीवरी के प्रॉसेस को ई-ट्रांजेक्शन की कैटेगरी में रखा जाता है।


आईटी के इस्तेमाल से आम लोगों के साथ-साथ संबंधित डिपार्टमेंट को भी फायदा होता है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा जल्द ही ई-पेमेंट की सुविधा भी स्टार्ट की जाने वाली है।
-जार्ज कुमार, डीटीओ, ईस्ट सिंहभूम