राप्ती व घाघरा का जलस्तर बढ़ा, कटान शुरू, कई गांव चपेट में

दर्जनों गांवों पर मड़रा रहा बाढ़ का संकट

Barahalganj :

बारिश के साथ ही घाघरा व राप्ती नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है। पानी सीमावर्ती गांवों की ओर बढ़ता देख ग्रामीण भयभीत हैं। वहीं दोनों नदियों से कई क्षेत्रों में कटाने भी होने लगी है। जिससे कई गांव और सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि के नदी में विलीन होने का खतरा भी उत्पन्न हो गया है।

कई गांव कटान की जद में

सेमरा बुजुर्ग में राप्ती नदी स्परों पर दबाव डाल रही है। जगदीशपुर गांव में राप्ती नदी रह रह कर कटान कर रही है। यहां नदी सौ से दो सौ मीटर की लंबाई में गांव की जमीन को काट रही है। जगदीशपुर गांव में विजय कुमार यादव, अलगू दुषाध, त्रिलोकी, लक्ष्मण, रामनिवास पांडेय, प्रभाकर पांडेय, सुरेंद्र पांडेय, राधेश्याम, संजय आदि के घर नदी के मुहाने पर हैं.वहीं पौहरिया में भी राप्ती के कटान के कटान का खतरा उत्पन्न हो गया है। राप्ती नदी का जलस्तर बढऩे से खुटभार, ददरी, मझवलिया, आछीडीह, नवलपुर व सेमरा गांव की ओर नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है। खेती योग्य भूमि नदी के निगलने के डर से लोग परेशान हैं।

डराने लगी घाघरा

जलस्तर बढ़ने से घाघरा नदी के किनारे रहने वाले लोग भयभीत हैं। जलस्तर बढ़ने के साथ नदी गांवों की ओर बढ़ रही है। ऐसे में बाढ़ की आशंका को लेकर ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खिच गई हैं। क्षेत्र के रामनगर, डेरवा, डुमरी, अजयपुरा, खैराटी, बल्थर, सीधेगौर, गायघाट, जैतपुर सहित अन्य तटवर्ती गांवों की ओर घाघरा का पानी बढ़ रहा है। घाघरा की कटान से समाप्त हो चुके कोलखास गांव की नई बस्ती भी घाघरा के मुहाने पर आ गई है। जबकि बुढ़नपुरा व नरहरपुर के पास नदी जमीन को काट रही है।

पहले चेतता प्रशासन कम होती तबाही

बाढ़ से निपटने को लेकर प्रशासन की लापरवाही लोगों नदी किनारे के गांवों के लोगों का गुस्सा बढ़ा रही है। जिन गांवों में कटान का खतरा है। उनको समय रहते प्रशासन कुछ हद तक रोक सकता था लेकिन ग्रामीणों के बार-बार कहने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे ग्रामीण प्रशासन कोस रहे हैं।

नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे कटान की संभावना उत्पन्न होती है। जगदीशपुर गांव में कटान से बचाव का कोई उपाय नही है।

नलिनीकांत सिंह , उपजिलाधिकारी गोला

चित्र परिचय- जगदीशपुर में कटान कर रही राप्ती नदी