- कोर्ट के आदेशों के बावजूद नहीं हटा सका शहर से अतिक्रमण

- अतिक्रमण हटाने के बाद लोग दोबारा से कर लेते हैं अतिक्रमण

Meerut । क्या नगर निगम के चुनाव में अतिक्रमण मुद्दा होगा? नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर कई बार अभियान चलाए, लेकिन नतीजा सिफर रहा। हालात यह है कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अतिक्रमण हटाने के लिए कोर्ट तक में रिट दायर की थी। हालांकि कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाया भी लेकिन अब हालात फिर से जस के तस हो गए।

साल में दो बार अभियान

अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम साल में दो बार अभियान चलाता है। इस बार भी योगी सरकार के आते ही अभियान चलाया गया था। लेकिन फिर से स्थिति जस की तस हो गई। लोगों ने दोबारा से सड़कों पर अतिक्रमण कर लिया। बीते पांच साल में कम से कम 10 बार तो निगम ने शहर से अतिक्रमण हटाने के अभियान चलाया।

पुलिस ने मिलने का बहाना

नगर निगम अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस न होने का कारण बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम की इस ओर ऐसी कोई मांग नहीं होती है।

वर्जन

अतिक्रमण के कारण शहर की सड़क आधी हो गई है। अधिकारी भी रोज उन सड़कों से गुजरते हैं। लेकिन कोई भी अतिक्रमण को हटाने के लिए तैयार नहीं है। जब कभी सड़क खाली होती तब पता चलता है यह सड़क इतनी चौड़ी है।

-रवि

अतिक्रमण के कारण शहर की सड़कें सिमट गई है। यही नहीं, अतिक्रमण की वजह से शहर में जाम की समस्या रहती है। बावजूद इसके अधिकारी हैं कि अतिक्रमण को हटाने के लिए तैयार नहीं है।

-विकास शर्मा

नगर निगम हर साल सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाता है बावजूद इसके, सड़कों की स्थिति जस की तस है। केवल खानापूर्ति के लिए सरकारी विभाग अभियान चलाते हैं। यदि प्रशासन सख्ती से अतिक्रमण हटाए और लोग दोबारा कर ले ऐसा हो ही नहीं सकता।

रवि तोमर

शहर की सड़कों पर अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या है। लोगों नाले व नालियों पर पक्का अतिक्रमण कर रखा है। इसको लेकर कोई भी गंभीर नहीं है। लोगों को अपने आप ही अतिक्रमण नहीं करना चाहिए।

कपिल

अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार अभियान चलाया गया। अतिक्रमण हटाया भी। इसके बाद पुलिस का काम है। जो दोबारा से अतिक्रमण कर रहा है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करे।

राजेश कुमार संपत्ति अधिकारी नगर निगम