हमें पता है अपनी काबिलियत
उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बेहतर परिणाम यहां 2010-11 में भारत बनाम साउथ अफ्रीका सीरीज ड्रॉ कराकर रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि जिस तरह का गेंदबाजी आक्रमण इस समय हमारे पास है और जितनी संतुलित हमारी टीम है, हम निश्चित तौर पर यहां पर जीत दर्ज कर सकते हैं। यहां हमारे पास दो रास्ते नहीं है। हम यहां पर खुद को साबित करने के लिए आए हैं। हमें अपनी काबिलियत पता है और हमारे पास जीत हासिल करने के लिए संतुलित टीम है, जो किसी भी परिस्थितियों में खेल सकती है।
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हर सत्र में जीतने पर ध्यान
यह हमारे लिए अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए एक मौका है। हम दक्षिण अफ्रीका में पिछली सीरीज के बारे में नहीं सोच रहे हैं, लेकिन हमारा ध्यान हर सत्र को जीतने पर और अपनी रणनीतियों को अमलीजामा पहनाने पर होगा। मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मौजूदा समय के बारे में ही सोचने का है और हमारा ध्यान अपनी विरोधी टीम से अच्छा प्रदर्शन करने पर लगा है। अगर हमारे पास ऐसा दिमाग नहीं होगा, तो हम यहां पर चुनौती नहीं दे पाएंगे।
अलग विकेट के लिए तैयार
भारतीय टीम आइसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर काबिज है। टीम अगस्त 2015 से पिछली नौ सीरीज लगातार जीत चुकी है, लेकिन उनका दक्षिण अफ्रीका में खराब रिकॉर्ड है। कोहली ने कहा कि हम दक्षिण अफ्रीका में यह जानकर आए हैं कि यहां पर विकेट अलग होंगे। हम किसी भी भ्रम में नहीं है, लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं। पिछली बार जब हम यहां आए थे तो हमारे बल्लेबाजों के बारे में बहुत बातें हुई कि हम बाउंसर नहीं खेल पाते हैं।
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तेज गेंद से घबराने की जरूरत नहीं
टेस्ट क्रिकेट में मौजूदा समय में सबसे बेहतर बल्लेबाजों में से एक कोहली ने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि हमें गति और बाउंसर से आश्चर्यचकित नहीं होना है। यहां पर हमें घर से ज्यादा तेज गेंद और बाउंसर मिलेंगी। तो ऐसे में बाउंसर से परेशान होने की जगह हम हर गेंद पर ध्यान देने की कोशिश करेंगे। टेस्ट रैंकिंग में दूसरे नंबर पर काबिज कोहली ने कहा कि कुछ ऐसा ही हमने पिछली बार किया था।
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बाउंसर से न हों परेशान
आपको गति और बाउंस से परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको अपनी क्षमता पर विश्वास करना होगा। यही इन परिस्थितियों में खेलने पर सफलता की कुंजी बनेगा। दो महीने के दौरे पर भारत को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर तीन टेस्ट, छह वनडे और तीन टी-20 मुकाबले खेलने हैं।
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