नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत समेत एशिया की 10 अर्थव्यवस्थाएं आने वाले कुछ सालों में जीडीपी के मामलों में अमेरिका को पीछे छोड़ देंगी। डीबीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, हॉन्ग कॉन्ग, भारत, इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, साउथ कोरिया, ताइवान और थाईलैंड का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़कर 2030 तक 28,350 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगा और इस दौरान अमेरिका का जीडीपी सिर्फ 22,330 अरब डॉलर रहेगा। इसी हिसाब से डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्हें अनुमान है कि 2030 तक एशिया की 10 प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका को जीडीपी के मामलों पीछे छोड़ देंगी।

निवेश करना किसी एक ही बात पर निर्भर नहीं करता
हालांकि डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इन अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह स्थिति भी पर्याप्त नहीं है और एशिया में निवेश करना ही सिर्फ बेहतर नहीं होगा क्योंकि निवेश करना किसी एक ही बात पर निर्भर नहीं करता जबकि हम उसे लंबे समय के अवसर के रूप में देख रहे हैं। ग्लोबल फाइनेंसियल सर्विसेज के मुताबिक, एशिया का आर्थिक भविष्य उज्ज्वल है लेकिन एशियाई देशों को कुछ ऐसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा, जिससे ग्रोथ के आंकड़े पिछड़ भी सकते हैं। उन चुनौतियों में क्लाइमेट चेंज, बढ़ती असमानता, खराब होता पर्यावरण और तकनीकी बाधाएं शामिल हैं।

आबादी के चलते खूब मिला फायदा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ खास चीजों के चलते इन एशियाई अर्थव्यवस्थाओं ने बीते कई सालों में काफी तेजी से ग्रोथ किया है लेकिन अब वो चीजे कमजोर पड़ गई हैं, आगे उनसे कोई फायदा नहीं होने वाला है। डीबीएस के मुताबिक, बड़ी आबादी के चलते कुछ सालों में भले ही इन अर्थव्यवस्थाओं को खूब फायदा मिला है लेकिन आगे भी ऐसा हो ऐसी उम्मीद करना ठीक नहीं होगा क्योंकि इन देशों में नौकरी समेत कई विभिन्न चीजों की दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए सभी अर्थव्यवस्थाओं को अमेरिका के स्तर पर पहुंचने में कड़ी मेहनत करने की जरूरत होगी।

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