तीसरे मैच मे ड्रैग फ्लिकर वीआर रघुनाथ ने पहला गोल दागा, जबकि आकाशदीप ने स्टिक के साथ शानदार खेल दिखाते हुए मेजबान टीम के लिए दूसरा गोल दागा. जापान की तरफ से एकमात्र गोल हिरोताका वाकारी ने किया. पहले क्वार्टर में जापान ने अपने लंबे पास से भारतीय रक्षापंक्ति को दबाव में लाने का अच्छा प्रयास किया, लेकिन बीरेंद्र लकड़ा, के चिंगलेनसाना और रघुनाथ ने उनकी हर कोशिश को नाकाम किया. कप्तान सरदार सिंह की अगुआई में भारतीय दल ने काउंटर अटैक किए. भारतीयों ने छोटे पास से मूव बनाए.

दूसरे क्वार्टर में दोनों टीमों ने सकारात्मक शुरुआत करते हुए एक-दूसरे पर लगातार हमले किए. 19वें मिनट में जापान के टोमोनोरी ओनो ने बायें छोर से मूव बनाते हुए सर्कल में प्रवेश किया, जहां उन्होंने गेंद हिरोकी को पास की और हिरोकी ने शानदार तरीके से रिवर्स शॉट खेलकर गेंद को गोलपोस्ट की तरफ धकेला, लेकिन गोलकीपर हरजोत सिंह वहां सचेत खड़े थे और उन्होंने इस प्रयास को विफल कर दिया.

30वें मिनट में भारत को पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर रघुनाथ ने गोल करने की कोई चूक नहीं की. छह मिनट बाद आकाशदीप गेंद लेकर अकेले ही विपक्षी खेमे में घुस गए और रक्षापंक्ति को छकाते हुए टीम की तरफ से दूसरा गोल कर सभी को रोमांचित कर दिया. दूसरे हाफ में जापान ने पलटवार करते हुए 44वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर जुटाया और गोल अंतर को कम किया, लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया और अंत तक अपनी बढ़त को बरकरार रखा.

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