संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के बाद दी जानकारी
सुषमा ने गुरुवार को यहां चीनी विदेश मंत्री वांग यी से संयुक्त राष्ट्र में मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने बताया कि उन्होंने उनके साथ सीमा पर जारी गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा की है. विदेश मंत्री ने यहां जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से अलग इब्सा के विदेश मंत्रियों के साथ अपनी मुलाकात के बाद भारतीय संवाददाताओं को बताया कि उन्हें यह बताते खुशी हो रही है कि दोनों देश साथ बैठे और सीमा पर जारी गतिरोध मुद्दे को हल किया. इसके लिए समय सीमा तय हो चुकी है.   

'गतिरोध का असर शी जिनपिंग की भारत यात्रा पर भी दिखा'
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि इस माह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान सीमा पर हुई घटना की ‘छाया’ कहीं न कहीं उनके दौरे पर रही, हालांकि उनका दौरा अपने आप में ‘अत्यंत ऐतिहासिक’ था और इसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले. चीनी राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा के दौरान ही लद्दाख के चुमार क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था.

भारतीय क्षेत्र में 5 किलोमीटर अंदर तक सड़क बनाने के थे आदेश
इलाके में पिछले रविवार को उस समय तनाव उत्पन्न हो गया था जब चीन की सीमा की तरफ सड़क बना रहे कुछ चीनी मजदूर भारत की तरफ आ गए थे और उन्होंने दावा किया कि उन्हें भारतीय क्षेत्र में 5 किलोमीटर अंदर तिबले तक सड़क बनाने के आदेश हैं. सुषमा ने बताया कि दोनों देशों के सैनिक अपने उस स्थान पर लौट जाएंगे जहां वे एक सितंबर 2014 को थे.

2015 तक स्थायी सदस्यता में भी होगा विस्तार
उन्होंने कहा ‘बुरा दौर खत्म हो जाएगा और 30 सितंबर तक सैनिकों की वापसी पूरी हो जाएगी. उन्होंने इस बारे में चीनी विदेश मंत्री से बात की थी. वह इसे बड़ी उपलब्धि मानती हैं. सुषमा स्वराज ने बताया कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और वर्ष 2015 तक इसकी स्थायी सदस्यता में विस्तार सहित सुधार की प्रक्रिया पूरी करने की जरूरत के मुद्दे पर भी चीन के साथ चर्चा की. वर्ष 2015 में विश्व संगठन की 70 वीं सालगिरह होगी. विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष के साथ मुलाकात को ‘बेहद सफल’ बताया.

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