डरावनी कहानियों की भरमार
मेनन ने कहा कि भारत और चीन की सीमा पर पिछले तीन दशकों से शांति है और एक गोली भी नहीं दागी गई है, वहीं 'डरावनी खबरों' से दोनों देशों में भावनाएं उफान पर हैं. मेनन ने यहां पिकिंग यूनिवर्सिटी में 'भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और भारत-चीन संबंध' विषय पर भाषण देने के बाद छात्रों से बातचीत में यह कहा कि मीडिया में, खासकर इंटरनेट पर ढेरों डरावनी कहानियां आ रही हैं. अगर आप इंटरनेट पर दी जा रही राय को प़ढें तो लगेगा कि भारत और चीन के संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं. हम ऐसी ही दुनिया में रह रहे हैं. इसीलिए हम कहते हैं कि सीमा विवाद का समाधान जितनी जल्दी हो उतना अच्छा है. ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वास्तव में विवाद के अंतिम समाधान का तरीका ही यह है कि सीमाएं तय हो जाएं. संप्रग सरकार के दौरान भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत के लिए मेनन को विशेष प्रतिनिधि नियुक्ति किया गया था.

 

दोनों देश में मजबूत सरकारें
मेनन ने कहा कि उनकी राय में यह हो सकता है. इसकी वजह यह है कि दोनों ही देशों में जो सरकारें हैं उन्हें मजबूत जन समर्थन हासिल है और दोनों के पास स्पष्ट सोच है कि वे देश को किधर ले जाना चाहते हैं. मेनन के साथ इस कार्यक्रम में सीमा विवाद पर चीन के पूर्व वार्ताकार दाई बिंगुओ भी मौजूद थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दाई बिंगुओ और भारतीय वार्ताकारों द्वारा सभी तकनीकी काम पूरा किया जा चुका है. विवाद से जुड़ी सीमाएं निर्धारित की जा सकती हैं. विवाद के समाधान का वक्त आ गया है, जितनी जल्दी करेंगे उतना बेहतर होगा.

 

दाई ने भी किया समर्थन
मेनन की टिप्पणी का समर्थन करते हुए दाई ने कहा कि यदि हम सीमा के मुद्दे का हल निकाल लें तो सहयोग की पूर्ण संभावनाओं का दोहन किया जा सकता है। सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए दोनों देशों को प्रयास करना चाहिए. यह सही है कि इसे रातोंरात हल नहीं किया जा सकता. दाई ने कहा कि जब तक समझौता नहीं हो जाता, तब तक के लिए दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखें.

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