कोहली का कमाल
भारत और ऑस्ट्रेलिया का कल हुआ टी 20 वर्ल्ड कप का मुकाबला दरसल विराट कोहली बनाम ऑस्ट्रेलिया बन कर रह गया। कोहली की धमाकेदार 82 रनों की पारी की बदौलत भारत एक वक्त में मुश्किलों में फंसे इस मैच में छह विकेट से जीत हासिल कर सका। इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ दबाव वाले मुकाबले में नाबाद 55 रन की पारी खेलकर भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने वाले कोहली ने रविवार को भी ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत के दूसरा टी-20 विश्व कप खिताब जीतने की उम्मीदों को जिंदा कर दिया है। मेजबान टीम अब दो मैच दूर है खिताब जीतने से और अगर कोहली इसी तरह खेलते रहे तो वानखेड़े में सेमीफाइनल और तीन अप्रैल को ईडन गार्डेंस में फाइनल जीतने से टीम इंडिया को कोई नहीं रोक सकता। टी-20 में 15वां और इस विश्व कप में दूसरा अर्धशतक लगाने वाले कोहली ने सिर्फ 51 गेंद पर नाबाद 82 रन बनाए।

फिर नाकामयाब ओपनिंग जोड़ी
भारत को जीत के लिए 20 ओवर में 161 रनों की दरकार थी, लेकिन रोहित शर्मा (12) और शिखर धवन (13) की ओपनिंग जोड़ी एक बार फिर नाकारा ही साबित हुई। 23 के कुल योग पर शिखर तो 37 पर रोहित चलते बने। बांग्लादेश के खिलाफ 30 रन बनाने वाले रैना (10) भी लेग स्टंप के बाहर जाती गेंद पर विकेटकीपर को कैच देकर चलते बने। नौवें ओवर में लोकल ब्वॉय युवराज (21) के पैर में खिंचाव आ गया। युवराज उस समय छह रन पर खेल रहे थे। इसके बाद लड़खड़ाते और गिरते हुए उन्होंने कोहली के साथ किसी तरह चौथे विकेट के लिए 45 रन की साझेदारी की। युवी के चोटिल होने के कारण भारत का रन रेट धीमा हो गया, क्योंकि जहां दो रन लेने चाहिए थे वहां एक ही रन बन रहा था। 94 के कुल योग पर जब वह आउट हुए तो भारतीय प्रशंसक दुखी नहीं बल्कि खुश थे। उन्हें पता था कि धोनी के आने से तेजी से रन बनेंगे।

T 20 world cup Ind vs Aus

घोनी का सहारा
धोनी के आते ही टीम की चाल बदल गई। भारत ने 14.4 ओवर में अपने 100 रन पूरे किए और भारत को अब 32 गेंदों पर लगभग 12 के रन रेट से रन बनाने थे। कोहली और धोनी ने मिलकर सिंगल को डबल में तब्दील करना शुरू किया। इस बीच विराट ने 30 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने इस दौरान एक छक्का और तीन चौके मारे। इसके बाद दोनों ने गियर बदला और रनों की बरसात शुरू कर दी। भारत ने आखिरी 25 गेंदों में 59 रन बनाए और 19.1 ओवर में ही 161 रन बनाकर मैच जीत लिया। विराट ने नौ चौके और दो छक्के लगाए तो धोनी ने तीन चौकों की सहायता से नाबाद 18 रन बनाए।

गेंदबाजों ने भी किया प्रभावित
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 22 गेंदों में बिना विकेट खोए 50 रन बना लिए थे और भारतीय गेंदबाजों को रौंदते हुए तेज रफ्तार से 200 रनों के लक्ष्य की तरफ बढ़ रही थी, लेकिन धौनी ने गेंदबाजी में बढ़िया परिवर्तन करते हुए उन्हें सिर्फ छह विकेट पर 160 रनों पर रोक दिया। आशीष नेहरा ने पहली गेंद पर चौका खाने के बाद पांच गेंदों पर कोई रन नहीं बनने दिया, लेकिन शानदार फॉर्म में चल रहे उस्मान ख्वाजा ने बुमराह के अगले ओवर में चार चौके जड़कर सारा हिसाब किताब बराबर कर दिया। धौनी को चौथे ओवर में अश्विन को बुलाना पड़ा, लेकिन लेकिन एरोन फिंच ने लांग ऑन पर लगातार दो छक्के जड़कर उनकी लय बिगाड़ दी। ऑस्ट्रेलिया ने 3.4 ओवर में ही अपने 50 रन पूरे कर लिए। पिछले मैच के मैन ऑफ द मैच अश्विन ने इस ओवर में 22 रन दिए। दूसरे छोर से लगातार अच्छी गेंदबाजी कर रहे नेहरा ने पांचवें ओवर में ख्वाजा (26) को चलता करके भारत की वापसी कराई। इस ओवर में उन्होंने सिर्फ दो रन दिए और यहीं से ऑस्ट्रेलिया की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। नेहरा ने तीन ओवर के पहले स्पेल में 11 डॉट गेंदें फेंकीं। डेविड वार्नर (06) ने आगे निकलकर शॉट लगाने की कोशिश की लेकिन अश्विन ने उन्हें भांपते हुए अपेक्षाकृत धीमी गति से गेंद फेंकी जो बल्लेबाज को बीट करते हुए धौनी के हाथों तक पहुंची और उन्होंने गिल्लियां बिखेर दीं।

युवराज ने भी दिखाया रंग
हमेशा नए फैसलों से दूसरों को चौंकाने वाले धोनी ने युवराज को टूर्नामेंट में पहली बार गेंद थमाई और उन्होंने अपने होमग्राउंड में दर्शकों के शोर के बीच पहली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ (02) को चलता कर दिया। स्मिथ के बल्ले से लगकर गेंद धोनी के दस्ताने में समा गई। पहले पांच ओवर में जहां ऑस्ट्रेलिया ने 55 रन बनाए थे, वहीं अगले पांच ओवर में वह सिर्फ 26 रन बना सकी। 13वें ओवर में पांड्या ने शॉर्ट गेंद पर एरोन फिंच (43) को फंसाने का प्रयास जारी रखा। फिंच ने इस ओवर की पांचवीं गेंद पर चौका जड़ा लेकिन आखिरी गेंद पर पांड्या जीत गए। उन्होंने मिड विकेट पर धवन के हाथों फिंच को लपकवाया।

मैक्सवेल का रिवर्स पुल पर छक्का
इस मैदान के हीरो और किंग्स इलेवन पंजाब के बादशाह मैक्सवेल (31) ने 16वें ओवर की पांचवीं गेंद पर रिवर्स पुल पर छक्का जड़ा। ये ऐसा रिवर्स पुल था कि रवींद्र जडेजा की फुलटॉस गेंद सीधे कवर बाउंड्री के बाहर जाकर गिरी। हालांकि अगले ओवर में बुमरा ने उन्हें बोल्ड करके चलता किया। लगातार विकेट गिरने और पिच के धीमे होते जाने के कारण ऑस्ट्रेलिया की रन गति तेज नहीं हो सकी। आखिरी ओवर में पांड्या ने पहली गेंद पर ही फॉकनर (10) को लांग ऑन पर कोहली के हाथों लपकवाया।

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