वीज़ा ऑन अराइवल के तहत पर्यटकों को किसी देश में जाने से पहले स्थानीय दूतावास में जाकर वीज़ा के लिए आवेदन नहीं करना होगा. पर्यटक भारत पहुँचकर हवाईअड्डे पर ही वीज़ा ले सकते हैं. यह सुविधा भारत के कुछ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उन्हें यह सुविधा दी जाएगी.

पहले यह सुविधा न्यूज़ीलैंड, जापान और वियतनाम जैसे केवल 40 देशों के नागरिकों को ही उपलब्ध थी.

पड़ोसियों को नहीं

"दुनिया के 180 देशों के यात्रियों को भारत आगमन पर वीज़ा देने की सुविधा जल्द ही हक़ीक़त बन जाएगी. उन्होंने बताया कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलुवालिया, विदेश सचिव सुजाता सिंह और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है"

राजीव शुक्ल, राज्यमंत्री, योजना विभाग

वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा पाने वाले देशों की सूची से पाकिस्तान, सूडान, अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, इराक़, नाइज़ीरिया, श्रीलंका और सोमालिया को बाहर रखा गया है.

वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा अभी केवल दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, कोच्ची, हैदराबादा, बंगलुरु और तिरुवंतपुरम के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर ही उपलब्ध है.

माना जा रहा है कि गोवा, गया और अमृतसर आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या को देखते हुए, यहाँ के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर भी  वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा शुरू की जा सकती है.

इसके लिए सरकार को इन हवाई अड्डों पर बुनियादी सुविधाओं और अप्रवासन अधिकारियों की तैनाती करनी होगी. माना जा रहा है कि सरकार इस काम को इस साल सितंबर तक पूरा कर लेगी और अक्तूबर से शुरू होने वाले पर्यटन सीज़न से यह सुविधा शुरू हो जाएगी.

ऑनलाइन आवेदन

योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री राजीव शुक्ल ने बताया कि 180 देशों के यात्रियों को भारत आगमन पर  वीज़ा देने की सुविधा जल्द ही हक़ीक़त बन जाएगी.

उन्होंने कहा कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलुवालिया, विदेश सचिव सुजाता सिंह और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है.

यह सुविधा हासिल करने के लिए पर्यटकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. भारत के किसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें इस सुविधा के बारे में आवेदन के कुछ दिन बाद ही जानकारी दे दी जाएगी.

भारत को पर्यटकों के लिए आकर्षक और अनुकूल जगह बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्तूबर में इस तरह की सुविधा पाने वाले देशों की सूची बढ़ाकर 40 कर दी थी.

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