अमेरिका ने भले ही मोदी को वीजा देने से इंकार कर दिया हो मगर संडे को उनकी गूंज अमेरिका तक सुनाई दी. गुजरात के चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इंडियन-अमेरिकन समुदाय को संबोधित किया और कहा कि उनके लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब है इंडिया फर्स्ट. उन्होंने कहा कि आप जो भी करें, जहां कहीं भी काम करें, इसके सभी सिटीजंस के लिए इंडिया ही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश सभी धर्मों एवं विचारधाराओं से ऊपर है.

व्हार्टन के बारे में कुछ नहीं बोले

पिछले हफ्ते व्हार्टन इंडिया इकॉनॉमिक फोरम में चीफ स्पीकर के तौर पर दी जाने वाली मोदी की स्पीच का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया था. यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के प्रोफेसरों और स्टूडेंट्स के एक तबके की ओर से मोदी का विरोध किए जाने की वजह से स्पीच कैंसिल करनी पड़ी थी. हालांकि अपने संबोधन में मोदी ने व्हार्टन मुद्दे पर भी कुछ नहीं बोला. व्हार्टन विवाद से काफी पहले ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ की ओर से इस कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी. न्यू जर्सी के एडिसन और शिकागो में मोदी के भाषण को सुनने के लिए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे.

यूथ का स्िकल डेवलेपमेंट जरूरी

अपने संबोधन में मोदी ने यूथ के स्िकल डेवलेपमेंट पर जोर दिया, क्योंकि भारत की टोटल पॉपुलेशन में यूथ की पॉपुलेशन 65 परसेंट है. उन्होंने अमेरिका और कनाडा में रह रहे इंडियंस से कहा कि वह इंडिया के डेवलेपमेंट में मदद करें. अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद और यूथ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश की सभी समस्या के निदान की कुंजी डेवलेपमेंट ही है.

फॉनर्स से की इंडिया आने की अपील

गुजरात और इंडिया को एक बड़े पर्यटन स्थल के तौर पर पेश करने के लिए भी मोदी ने इस मौके का पूरा इस्तेमाल किया. उन्होंने भारतीय समुदाय से अपील की कि वे दूसरे देशों के सिटीजंस को पर्यटन के लिए इंडिया आने को कहें. उन्होंने कहा कि यदि एक बार उन्होंने इंडिया आना शुरू कर दिया तो इससे देश के पर्यटन बिजनेस को काफी बढ़ावा मिलेगा और इससे इकॉनिमी भी मजबूत होगी. मोदी ने अमेरिका के होटल और मोटल संगठनों का भी अपील की कि वे अपने कमरों के टीवी सेट में भारत को दिखाएं.

National News inextlive from India News Desk