चेन्नई (आईएएनएस)। भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है। कल रविवार को इसका सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान ट्रेन 18 ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति को पार कर लिया है। ट्रेन 18 का कोटा-स्वाई माधोपुर खंड पर परीक्षण किया गया। फिलहाल अभी तक इस ट्रेन में कोई बड़ी तकनीकी समस्या सामने नहीं आई है। ऐसे में अब यह 100 करोड़ रुपये की स्वदेशी डिजाइन ट्रेन देश की सबसे तेज ट्रेन बन गई। ट्रेन 18 का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने किया है।

2019 से ट्रेन 18 के व्यावसायिक सफर की शुरुआत हो सकती

कंपनी के महाप्रबंधक एस. मणि ने आईएएनएस को बताया कि इस बड़े परीक्षण पूरे हो चुके हैं और कुछ छोटी चीजें ही बची हैं। सामान्यत: ट्रायल में तीन महीने लगते हैं। जनवरी 2019 से ट्रेन 18 के व्यावसायिक सफर की शुरुआत हो सकती है। 16 कोच के साथ इस ट्रेन में शताब्दी एक्सप्रेस जैसे यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगी। अगर सब सही रहा तो यह शताब्दी एक्सप्रेस की जगह ले लेगी। यह ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार छूने की कैपेसिटी रखती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्लीपर कोच की भी शुरुआत करेंगे।

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