दो किस्तों में मिली रकम
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को आयकर रिफंड के तौर पर 11,500 करोड़ रुपये से अधिक रकम प्राप्त हुई है. इसके साथ ही इसका एक बड़ा हिस्सा पॉलिसीधारकों को ट्रांसफर किया जायेगा. LIC के एक अधिकारी ने बताया कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) में आयकर विभाग के साथ एक मामले में जीत के बाद हमें आईटी रिफंड के तौर पर दो किस्तों में 11,500 करोड़ रुपये की राशि मिली है.

सबसे बड़ा रिफंड
अधिकारी के मुताबिक, यह कंपनी को अभी तक मिले रिफंड में शायद सबसे अधिक है. LIC चेयरमैन एस.के.राय से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी. हालांकि उस अधिकारी का कहना है कि आईटीएटी मुंबई ने 3 अप्रैल, 2013 को दिये अपने आदेश में LIC के पक्ष में फैसला सुनाया था. आपको बता दें कि यह मामला निर्धारण साल 2007-08, 2008-09 और 2009-10 से जुड़ा था. आईटीएटी के उक्त फैसले के परिणाम स्वरूप LIC को निर्धारण वर्ष 2007-08 और 2009-10 के लिये 31 दिसंबर 2013 को 4,190.19 करोड़ रुपये रिफंड प्राप्त हुआ. निर्धारण वर्ष 2008-09 के लिये हाल ही में LIC को 7,500 करोड़ रुपये रिफंड कमला है. 1956 के LIC अधिनियम की धारा 26 के मुताबिक आईटी रिफंड से मिलने वाली अधिशेष राशि का 95 परसेंट पॉलिसीधारकों के पास जाता है, जबकि बाकी 5 परसेंट लाभांश के तौर पर सरकार को भुगतान करना होता है.

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