एफ़आईएच ने दोनों हॉकी संगठनों के बीच अंतरिम 'कामचलाऊ रिश्ते' को ठुकरा दिया है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी फ़ेडरेशन ने कहा है कि वो अस्थायी व्यवस्था से काफ़ी निराश है।

एफ़आईएच ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही समस्या का निदान नहीं निकाल लिया जाता, तो भारत से चैम्पियंस ट्रॉफ़ी पुरुष हॉकी प्रतियोगिता और ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाइंग मुक़ाबलों की मेज़बानी छीनी जा सकती है।

बयान

एफ़आईएच ने यह भी स्पष्ट किया है कि वो भारत में हॉकी के लिए सिर्फ़ हॉकी इंडिया को मान्यता देती है। एफ़आईएच ने एक बयान में कहा है- एफ़आईएच हाल ही में हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी फ़ेडरेशन के बीच हुए समझौते चिंता व्यक्त करती है, क्योंकि उससे इस बाबत कोई सलाह नहीं ली गई। एक देश में हॉकी की एक ही गवर्निंग बॉडी हो सकती है। एफ़आईएच सिर्फ़ हॉकी इंडिया को मान्यता देती है।

वर्ष 2008 में केपीएस गिल की अगुआई वाली भारतीय हॉकी फ़ेडरेशन को भंग कर दिया गया था। वर्ष 2009 में हॉकी इंडिया का गठन किया गया था। हॉकी इंडिया को एफ़आईएच की मान्यता मिली हुई है। लेकिन पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय हॉकी फ़ेडरेशन को बहाल कर दिया था।

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