नई दिल्ली (पीटीआई)। एक रिपोर्ट के मुताबिक परिवारिक व्यवसाय के मामले में भारत का स्थान दुनिया में तीसरे पायदान पर है। 839 अरब डाॅलर की 111 कंपनियां भारत में परिवारों के स्वामित्व में हैं। 159 कंपिनयों के साथ चीन पहले नंबर पर और 121 कंपनियों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है, जहां इन कंपनियों का मालिकाना हक कारोबारी घरानों के पास है। क्रेडिट सुईस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआरआई) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट 'क्रेडिट सुईस फैमिली 1000 इन 2018' के अनुसार जापान को छोड़ दिया जाए तो इस सूची में शामिल एशिया क्षेत्र में चीन, भारत और हांगकांग के कारोबारी घरानों का बोलबाला है। सीएसआरआई के आंकड़ों के मुताबिक जापान को छोड़ दिया जाए तो एशियाई क्षेत्र में इस लिस्ट में शामिल कुल देशों के कारोबार का इन तीनों देशों की 65 फीसदी हिस्सेदारी है। तीनों देशों की कुल बाजार पूरी 2.85 खरब डाॅलर है या बाजार हिस्सेदारी के तौर पर देखें तो यह 70 फीसदी है।

कारोबारी घरानों के स्वामित्व वाली कंपनियों का बोलबाला
434.1 अरब डाॅलर पूंजीकरण की 43 कंपनियों के साथ कोरिया का नंबर एशिया की इस सूची में चौथा है। इसके बाद 26-26 कंपनियों के साथ इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और थाईलैंड का नंबर आता है। रिपोर्ट में जापान को छोड़कर एशियाई क्षेत्र के 11 बाजार शामिल किए गए थे। 4 खरब डाॅलर से ज्यादा बाजार पूंजीकरण के साथ इन बाजारों की दुनिया में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जापान को छोड़कर एशिया में कारोबारी घरानों के स्वामित्व वाली कंपिनयों ने सामान्य कंपनियों की तुलना में अपने निवेश पर 25.63 प्रतिशत ज्यादा रिटर्न प्राप्त किया था। इन कंपनियों ने 2006 से अपने शेयर प्राइस पर 4.2 प्रतिशत बेहतर औसत वार्षिक कीमत अदा की।

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