मानव संसाधन क्षेत्र में काम करने वाले मैनपावर ग्रुप द्वारा जारी किए गए रोजगार सर्वे के मुताबिक भारत अगले तीन महीने में नियुक्ति के लिहाज से विश्व के सबसे आशावादी देशों में शामिल है. खास तौर पर खनन, निर्माण और सेवा प्रदाता कंपनियों में जनवरी से मार्च के दौरान नियुक्ति गतिविधियां बढ़ेंगी. रिपोर्ट में कहा गया कि ताइवान के बाद भारत नियुक्ति के लिहाज से दूसरा सबसे आशावादी देश है. इसके बाद न्यूजीलैंड, कोलंबिया और सिंगापुर शामिल हैं. नियुक्ति के लिहाज से कमजोर और नकारात्मक दृष्टिकोण वाले देशों में इटली, आयरलैंड, फिनलैंड, स्पेन, स्लोवाकिया और बेल्जियम शामिल हैं.

यह रिपोर्ट 5,006 कंपनियों से वार्ता के आधार पर तैयार की गई है. इसमें बताया गया है भारत में नियुक्तियां लगभग 33 फीसद की दर से बढ़ सकती हैं. इससे नौकरी की खोज में जुटे लोगों को फायदा पहुंच सकता है. मैनपावर ग्रुप के एमडी एजी राव ने बताया कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए तेज कदम उठाए जाने वाले हैं. इससे खनन एवं निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को भारी काम मिलने वाला है. इसका फायदा कर्मचारियों को सीधे तौर पर मिलेगा. भारतीय आइटी पेशेवरों पर न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भी नजर रहती है. ऐसे में सेवा प्रदाता कंपनियों में भी कई रोजगार पैदा होंगे. इसके अलावा थोक एवं खुदरा बिक्री क्षेत्रों में भी नई नौकरियां आने वाली हैं.

रिपोर्ट बताती है कि 42 में से 34 देशों की कंपनियों ने तीन महीने के अंदर वेतन में इजाफा कर पेशेवरों को अपने पास रोकने की कोशिश करने का भी फैसला किया है. इनमें भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं. पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में वेतन वृद्धि की बात 29 देशों की कंपनियों ने की थी.

नवंबर में बढ़ी नियुक्तियां

देश में नियुक्तियों की संख्या नवंबर के दौरान थोड़ी बढ़ी है. उद्योगों में नई नौकरियां देने के लिए सकारात्मक माहौल भी बन रहा है. नौकरी जॉब इंडेक्स के मुताबिक नौकरियों की संख्या में अक्टूबर के मुकाबले एक फीसद का उछाल आया है. सालाना आधार पर देखें तो पिछले साल नवंबर के मुकाबले इसमें 16 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.

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