इस मिसाइल का दूसरा  सफल प्रक्षेपण ओडीशा के बालासोर ज़िले के चांदीपुर प्रक्षेपण क्षेत्र से किया गया.

इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है.  अग्नि-5, 1,000 किलोग्राम वज़न के परमाणु हथियार को ले जाने में सक्षम है और यह बिना किसी चूक के  चीन और यूरोप पर निशाना साध सकता है.

इस जटिल मिसाइल का वज़न क़रीब 50 टन और इसकी लंबाई 17.5 मीटर है.

पिछले साल 19 अप्रैल को  अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण किया गया था और भारत इसके बाद ही अमरीका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया था जिनके पास ऐसी क्षमता पहले से ही थी.

अग्नि-5 की बदौलत ही भारत परमाणु हमले की स्थिति पैदा होने पर कार्रवाई करने में सक्षम हुआ है.

सबसे तेज़ गति की यह पहली ऐसी मिसाइल थी जिसने भूमध्य रेखा को पार किया.

एक टीवी चैनल से बात करते हुए रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा कि अग्नि-5 त्वरित गति से किसी परमाणु हमले की स्थिति में कार्रवाई करने की मारक क्षमता रखता है.

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