सूर्योदय से पहले होगी घटना
एम पी बिरला तारामंडल के डायरेक्टर डॉ. देबीप्रसाद दुआरी ने बताया कि, बुधवार को होने वाली ऐतिहासिक खगोलीय घटना से भारतवासी वंचित रह जाएंगे। वहीं देश के पूर्वी हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण देखने को मिल सकता है। भारत के अधिकतर स्थानों पर सूर्यग्रहण की शुरूआत सूर्योदय से पहले होगी या सूर्योदय के आसपास होगी जिससे इस विहंगम खगोलीय घटना को देखना कठिन होगा। पूर्ण सूर्यग्रहण सुमात्रा, बोर्नियो, सुलावेसी, ऑस्ट्रेलिया के कुछ द्वीपों और प्रशांत महासागर के मध्य क्षेत्र में देखा जा सकेगा।

भारतीय उपमहाद्वीप में नहीं दिखेगा
दुआरी ने आगे बताया कि चंद्रमा जब सूर्य को पूरी तरह ढंक लेता है और सूर्य का प्रकाश धरती तक नहीं पहुंच पाता है तो इसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं और यह नजारा भारतीय उपमहाद्वीप में नहीं दिखेगा। उन्होंने कहा, ‘हम आंशिक सूर्यग्रहण देख सकेंगे।’ कोलकाता में सूर्योदय के समय सुबह पांच बजकर 51 मिनट पर ग्रहण दिखेगा और सुबह करीब छह बजकर छह मिनट पर अधिकतम आंशिक ग्रहण देखा जा सकेगा।

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