पिछला रिकार्ड अच्छा नहीं

युवा इंडियन टीम के लिये यह सुनहरा मौका है जिसे 42 दिन तक चलने वाली सीरीज में लगातार पांच टेस्ट मैच खेलने हैं. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इंडिया ने विदेशी सरजमीं पर आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज के अगेंस्ट किंगस्टन में जून 2011 में जीता था. उसके बाद से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में उसने आठ टेस्ट गवांये. इंडिया को इस सीजन में साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में भी जीत नसीब नहीं हुई, यहां पर भी उसने दो मैच गवांये और दो ड्रा खेले.

अब अगर इंडिया को यह सीरीज अपने नाम करनी है तो उसे सबसे पहले इन विदेशी पिचों को कोई न कोई हल जरूर निकालना होगा.

यंगस्टर का होगा टेस्ट

यह इंडियन टीम 2011 और 2012-13 की टीम से उकदम अलग है. इसमें सिर्फ धोनी, गंभीर और ईशांत शर्मा ही वे प्लेयर हैं जो पहले यहां खेल चुके हैं. इंडियन टीम के पास लंबे बदलाव से उबरने का यह सुनहरा मौका है. विराट कोहली और चेतेश्वा पुजारा जैसे युवा भारतीय बल्लेबाजों ने साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में अच्छा परफॉर्म किया था. उन दानों दौरों पर इंडिया ने 300 से अधिक का स्कोर बनाया था. लेकिन अब बारी इंग्लैंड की है. इन प्लेयर्स को यहां पर भी अपना वही जलवा दिखाना होगा.

टीमें इस प्रकार हैं-

भारत: एम एस धोनी(कैप्टन), शिखर धवन, मुरली विजय, गौतम गंभीर, चेतेश्वर पुजारा, विराअ कोहली, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा, स्टुअर्ट बिन्नी, आर अश्विन, ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, ईश्वर पांडे, पंकज सिंह, वरूण एरोन, रिधिमान साहा.

इंग्लैंड: एलेस्टेयर कुक(कैप्टन), मोईन अली, जेम्स एंडरसन, गैरी बालांस, इयान बेल, स्टुअर्ट ब्राड, क्रिस जोर्डन, लियाम प्लंकेट, मैट प्रायर, सैम राबसन, जो रूट, बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स.

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