1. नहीं टिक पाए विराट
जब-जब भारतीय टीम लड़खड़ाई है, कप्तान विराट ने आगे आकर जिम्मेदारी निभाई। टेस्ट हो या वनडे कोहली के मैदान पर रहते भारतीय टीम लगभग सभी मैच जीतती है। लेकिन इस सीरीज में ऐसा नहीं हुआ। पहले केपटाउन टेस्ट में दोनों पारियों में सिर्फ 33 रन बनाए और यही हाल सेंचुरियन में रहा। हालांकि दूसरे टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 153 रन बनाए लेकिन दूसरी पारी में वो फिर फ्लॉप हो गए। जिस वक्त टीम को जरूरत थी, कोहली 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। यही हाल अन्य बल्लेबाजों का भी रहा, कोई भी ज्यादा देर पिच पर टिक नहीं सका। यही वजह है कि साउथ अफ्रीका द्वारा दिए गए आसान लक्ष्य को भी पूरी भारतीय टीम मिलकर भी अचीव नहीं कर सकी।
2. वनडे में रोहित हिट, टेस्ट में फ्लॉप
वनडे में जहां रोहित शर्मा के नाम 3 दोहरे शतक हैं वहीं विदेशी जमीं पर उनके बल्ले से आज तक एक भी टेस्ट शतक तक नहीं निकला। घर के बाहर टेस्ट के उनका सर्वाधिक स्कोर 79 रन है। सीमित ओवरों की बात आती है, तो रोहित से खतरनाक बल्लेबाज कोई नहीं लेकिन टेस्ट में आज भी उनकी प्रतिभा पर प्रश्न चिन्ह लगे हैं। खासतौर से विदेशी धरती पर रोहित का बल्ला खामोश हो जाता। जहां घरेलू मैदान पर टेस्ट में रोहित शर्मा का औसत 85.44 रहा है, तो विदेशी जमीं पर उनका औसत 24.55 रहा है। जोकि एक चिंता का विषय है। अब अगर सिर्फ साउथ अफ्रीकी में टेस्ट रिकॉर्ड की बात की जाए तो रोहित ने यहां सिर्फ 4 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 7 पारियों में 10.85 की औसत से सिर्फ 76 रन बनाए। उनका सर्वाधिक स्कोर 25 रन है। यानी कि वो टेस्ट में अफ्रीकी गेंदबाजों के खिलाफ उनकी ही धरती पर शतक तो छोड़िए, अर्धशतक भी नहीं लगा पाए।
Ind vs SA : वनडे में 3 दोहरे शतक लगाने वाले रोहित विदेशी जमीं पर आज तक नहीं लगा पाए टेस्ट शतक
3. नहीं बन पाई पार्टनरशिप
एक अच्छे स्कोर तक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी होता है साझेदारी। भारतीय टीम की बल्लेबाजी के दौरान इसी चीज की कमी देखी गई। बल्लेबाजों को थोड़ी बहुत अच्छी शुरुआत तो मिली लेकिन वह उसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके। रही कही कसर पुजारा और पांड्या ने पूरी कर दी, जो बेमतलब रन आउट होकर पवेलियन लौटे। भारतीय बल्लेबाजों ने अफ्रीकी गेंदबाजों को तोहफे में विकेट दे दिया। छोटे-छोटे अंतराल में विकेट गिरते गए। अगर एक भी अच्छी साझेदारी हो जाती तो भारत यह मैच जीत सकता था।
Ind vs SA : दूसरा टेस्ट हारते ही टूट जाएगा भारत का सपना, नहीं बना पाएंगे यह रिकॉर्ड
4. अजिंक्य रहाणे को क्यों नहीं खिलाया
टीम इंडिया के लिए ओपनिंग करने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को पहला टेस्ट और फिर दूसरा टेस्ट न खिलाना सबसे बड़ी गलती रही। रहाणे एक ऐसे बल्लेबाज हैं जिनका विदेशी धरती पर खूब बल्ला चलता है। अजिंक्य रहाणे का दक्षिण अफ्रीकी धरती पर 69.66, ऑस्ट्रेलिया में 57.00, वेस्टइंडीज में 121.50 और न्यूजीलैंड की पिचों पर 54.00 का औसत रहा है। ऐसे में उनके पुराने प्रदर्शन को नजरअंदाज करते हुए टीम से बाहर बिठालना भारतीय टीम पर भारी पड़ गया।
5. नहीं खेला कोई अभ्यास मैच
यह दौरा शुरु होने से पहले इस बात की चर्चा जोरों से थी कि, भारत ने यहां कोई अभ्यास मैच क्यों नहीं खेला। पिछले साल भारत ने अपने लगभग सभी मैच घर पर खेले ऐसे में सीधे साउथ अफ्रीका में खेलना भारतीय टीम के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं था। वहां की पिचें अलग नेचर की हैं, भारतीय बल्लेबाजों को तेज उछाल वाली गेंदों को खेलने में दिक्कत हुई। अगर बीसीसीआई कम से कम दो अभ्यास मैच का आयोजन करवा देती तो भारतीय बल्लेबाजों को अफ्रीकी गेंदबाजों का सामना करने की आदत पड़ जाती।
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