फिर होगा भारत-श्रीलंका मुकाबला
भारत और श्रीलंका के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 16 नवंबर से शुरु हो रही है। श्रीलंका टीम अभी जुलाई-अगस्त में भारत के हाथों मिली तीन टेस्ट हार का बदला लेना चाहेगी। भारत ने इसी साल श्रीलंका को उन्हीं के घर पर 3-0 से टेस्ट में हराया था। इस बार टीम वही है बस जगह बदली है और टीम इंडिया की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए श्रीलंका के लिए यह दौरा काफी कठिन रहने वाला है।
श्रीलंका आखिरी बार भारत दौरे पर साल 2009 में आई थी। उस वक्त भारत और श्रीलंका के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी। जिसमें एक मैच ड्रा रहा, जबकि दो मैच भारत ने पारी के अंतर से जीते थे।
पहला टेस्ट (16-20 नवंबर)
अहमदाबाद में खेले गया पहला टेस्ट मैच ड्रा रहा था।
दूसरा टेस्ट (24-27 नवंबर)
कानपुर के ग्रीनपार्क में सीरीज का दूसरा टेस्ट खेला गया था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। उस वक्त टीम के ओपनर बल्लेबाज गंभीर (167) और सहवाग (131) ने शतकीय पारी खेलकर टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया था। रही बची कसर राहुल द्रविड़ (144) ने पूरी कर दी। भारत ने पहली पारी में 642 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में श्रीलंका पहली पारी में 229 और दूसरी पारी में 269 रन ही बना सकी। इस तरह भारत ने दूसरी पारी खेले बिना यह मैच पारी और 144 रन के बड़े अंतर से जीत लिया।
तीसरा टेस्ट (2-6 दिसंबर)
सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट मुंबई में खेला गया। इस मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, जिसे गलत साबित किया भारतीय गेंदबाजों ने। श्रीलंका की पहली पारी 393 रन पर सिमट गई। जवाब में भारत ने पहली पारी में 726 रन बना दिए। इसमें वीरेंद्र सहवाग ने (293) और एमएस धोनी ने (100) रन की पारी खेली थी। दूसरी पारी खेलने आई श्रीलंकन टीम 309 रन पर ढेर हो गई और भारत ने यह मैच एक पारी और 24 रन के अंतर से जीत लिया। यानी कि इस बार भी भारत को दूसरी पारी खेलने का मौका नहीं मिला।
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