कानपुर। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए युद्ध के दौरान 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया था लेकिन बाद में शांति और सौहार्द के नाम पर उन सभी सैनिकों को पाकिस्तान के हवाले कर दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध समाप्त होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1973 में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुआ, जिसमें तय हुआ कि भारत 90,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा करेगा। यह समझौता नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच करीब 19 दिनों तक लगातार चली बातचीत के बाद हुआ था। उस वक्त बांग्लादेश का दावा था कि 90,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों में उनके भी 195 लोग शामिल हैं। हालांकि, यह बांग्लादेश और पाकिस्तान के आपस का मामला था, इसलिए भारत ने इसमें दखलंदाजी नहीं की।

समझौता होने के दो हफ्ते बाद रिहा हुए सैनिक
भारत के परमेश्वर नारायण हक्सर और पाकिस्तान के अजीज अहमद ने इस शांति समझौते के बारे आधिकारिक घोषणा की। बता दें कि समझौता होने के दो हफ्ते बाद सभी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया गया। उस वक्त कुछ सूत्रों का दावा था कि इस समझौते से दोनों देशों में शांति आएगी। जब इस समझौते पर हस्ताक्षर हुआ, तब पाकिस्तान कई बातों को मानने पर राजी हुआ था। समझौते के तहत पाकिस्तान ने वादा किया कि वह संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश को लेकर कोई आपत्ति जाहिर नहीं करेगा, उसे बिना किसी विरोध के एक राष्ट्र के रूप में स्वीकार करेगा। इसके अलावा समझौते के तहत पाकिस्तान को उन सभी बंगालियों को रिहा करना था, जिन्हें उसने वॉर क्राइम के तहत गिरफ्तार किया था।

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