गेंदबाज हैं जीत के हीरो धोनी
भारत ने तीन मैंचों की टी 20 सीरीज में जीत हासिल करली है। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने ऑस्ट्रेलिया का टी-20 सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप करने का श्रेय अपने गेंदबाजों दिया है। धौनी ने कहा कि गेंदबाजों ने अतिरिक्त दस फीसद प्रयास किया, जो वनडे सीरीज के दौरान नदारद था। मैच के बाद टीम इंडिया के कप्तान ने युवा जसप्रीत बुमराह और अनुभवी गेंदबाज आशीष नेहरा के योगदान की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों को काफी श्रेय जाता है। वनडे सीरीज में बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हमें गेंदबाजों से अतिरिक्त दस प्रतिशत की जरूरत थी। बुमराह के आने, नेहरा के अनुभव और अन्य के एकजुट होकर प्रदर्शन करने से यह बदल गया।’ उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन वे गेंदबाज थे, जिन्होंने अपना काम बेहतर किया और उन्होंने अंतर पैदा किया। धौनी ने संकेत दिया कि भारत स्वदेश में होने वाले टी-20 विश्व कप में लगभग इसी टीम को बरकरार रखेगा। उन्होंने कहा कि टी-20 विश्व कप के हालात को देखते हुए एक या दो बदलाव हो सकते हैं, लेकिन मोटे तौर हमारी टी-20 टीम ऐसी ही होगी।

चले सभी बल्लेबाज
रोहित शर्मा और विराट कोहली के अर्धशतकों के बाद सुरेश रैना की ताबड़तोड़ पारी की मदद से भारत ने शेन वॉटसन के नाबाद शतक को नाकाम करते हुए रविवार को तीसरे और अंतिम टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से हराकर 3-0 से क्लीन स्वीप किया और दुनिया की नंबर एक टीम भी बना। ऑस्ट्रेलिया के 198 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने रोहित (52) और विराट कोहली (50) के अर्धशतकों के अलावा रैना की 25 गेंद में नाबाद 49 रन की पारी से अंतिम गेंद पर तीन विकेट पर 200 रन बनाकर टी-20 क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करते हुए अपनी तीसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। रैना ने छह चौके और एक छक्का जड़ा। इसके साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार द्विपक्षीय सीरीज जीती। रैना ने युवराज सिंह (12 गेंद में नाबाद 15) के साथ चौथे विकेट के लिए 5.1 ओवर में 53 रन की अटूट साझेदारी की। भारत को अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 22 रन की दरकार थी, लेकिन वॉटसन (1/30) ने 19वें ओवर में महज पांच रन दिए, जिसके बाद अंतिम ओवर एंड्रयू टाई (0/51 रन) करने आए, जिसमें भारत को 17 रन चाहिए थे। युवराज ने उनकी पहली दो गेंदों पर चौका और छक्का जड़ा। तीसरी गेंद पर बाइ का एक रन लेने के बाद रैना ने अगली दो गेंदों पर दो-दो रन बनाए और फिर अंतिम गेंद पर चौके के साथ भारत को जीत दिलाई।

 Shane Watson celebrates century

कार्यवाहक कप्तान ने वॉटसन ने बनाया शतक
इससे पहले वॉटसन ने जीवनदान का फायदा उठाकर अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए 71 गेंद में छह छक्कों और 10 चौकों की मदद से नाबाद 124 रन बनाए, जो टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दूसरा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है। वॉटसन टी-20 में कप्तान के रूप में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाने में भी सफल रहे। उनकी इस पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने पांच विकेट पर 197 रन बनाए। उन्होंने शॉन मार्श (09) के साथ दूसरे विकेट के लिए 53 और ट्रेविस हेड (26) के साथ चौथे विकेट के लिए 93 रन की साझेदारी की। ऑस्ट्रेलियाई पारी में वॉटसन के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगता है कि उनके बाद दूसरा सर्वोच्च स्कोर ट्रेविस हेड के 26 रन रहे। वॉटसन की तूफानी पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम 10 ओवर में 117 रन जुटाए। वॉटसन पहले बल्लेबाज हैं, जिन्होंने भारत के खिलाफ टी-20 में शतक जड़ा। इससे पहले भारत के खिलाफ सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के नाम थी, जिन्होंने मई, 2010 में ब्रिजटाउन में 98 रन बनाए थे। भारत के सभी गेंदबाज काफी महंगे साबित हुए। बुमराह ने 43, जबकि जडेजा ने 41 रन लुटाए। दोनों ने एक-एक विकेट हासिल किया। नेहरा, अश्विन और युवराज को भी एक-एक विकेट मिला। लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत के लिए शिखर धवन (26) और रोहित ने पहले विकेट के लिए 3.2 ओवर में तेजी से 46 रन जोड़े। धवन के पवेलियन लौटने के बाद रोहित और कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की अनुभवहीनता का पूरा फायदा उठाया। दोनों ने 10वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। रोहित ने 38 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके और एक छक्का मारा। इस पारी के दौरान रोहित, कोहली और सुरेश रैना के बाद टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 1000 रन पूरे करने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बने।

Suresh Raina top, and Yuvraj Singh celebrate win

जीवनदान के बाद रैना ने दिलाई जीत
रैना ने जब खाता भी नहीं खोला था तब बायस की गेंद पर बैनक्रॉफ्ट उन्हें स्टंप करने से चूक गए। कोहली ने 36 गेंद की अपनी पारी में दो चौके और एक छक्का लगाया। भारत को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 51 रन चाहिए थे और रैना ने जिम्मेदारी संभालते हुए युवराज के साथ मिलकर टीम को जीत दिला दी। भारत ने इस तरह वनडे सीरीज में लगातार चार मैच गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे का अंत लगातार चार जीत के साथ किया। बायस सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 28 रन देकर दो विकेट चटकाए। वह मैच के सबसे सफल और किफायती गेंदबाज रहे। टेट ने चार ओवर में 46 रन लुटाए, जबकि उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।

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