RANCHI : लंबे इंतजार के बाद पहाड़ी मंदिर पर लगाए जानेवाले सबसे ऊंचे तिरंगे को क्भ् अगस्त को फिर फहराया जाएगा। दुबई से मंगाया गया खास फेब्रिक से बना झंडा कोलकाता एयरपोर्ट पहुंच चुका है। एक-दो दिनों में यह रांची आ जाएगा।

आठ को होगा झंडे का ट्रायल

क्भ् अगस्त को झंडा फहराने से पहले 8 अगस्त को इसका ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए छह और सात अगस्त को मेकॉन व वालमाउंट कंपनी के लोग खंभे में किए गए नए तकनीकी सुधार का परीक्षण कर विंच आदि का एलाइनमेंट सही करेंगे। इस बार मेकॉन के उप-महाप्रबंधक सिविल जेके झा के नेतृत्व में झंडे और खंभे में कई तकनीकी सुधार किए गए हैं। ऊपर चढ़ने के लिए मैन राइडर बनाया गया है। साथ ही विंच व पुली को और बेहतर बनाया गया है, ताकि झंडा फंसे नहीं। कई महीनों के प्रयास के बाद मेकॉन व वालमाउंट के विशेषज्ञों को इसमें सफलता मिली है। आठ अगस्त के ट्रायल के बाद क्भ् अगस्त को डीसी यहां झंडा फहराएंगे।

जियोलॉजिकल सर्वे के लिए नौ को आएगी टीम

पहाड़ी मंदिर के जियोलॉजिकल सर्वे के लिए जीएसआइ की टीम कोलकाता से नौ अगस्त को रांची आएगी। सुपरवाइजरी ऑफिसर तिमिर वरण घोषाल व सीनियर जियोलॉजिस्ट एस प्रदीप कुमार के नेतृत्व में चार सदस्यीय सर्वेयरों की टीम यहां पांच दिनों तक परीक्षण कार्य करेगी। टीम के लोगयहां के कई स्थानीय जियोलॉजिस्ट के साथ भी बैठक और विमर्श करेंगे। लंबे समय से इस बात पर सवाल उठते रहे हैं कि खोड़ालाइट जैसे अपरदित चट्टान से बने पहाड़ी मंदिर पर होनेवाले निर्माण सुरक्षित हैं या नहीं। साथ ही यह भी कि सुंदरीकरण के क्रम में आगे इस पर और निर्माण कार्य कराए जा सकते हैं या नहीं। जियोलॉजिकल सर्वे से इन सब सवालों का जवाब स्पष्ट हो जाएगा।