दुनियाभर में डरी सरकारें

एडवर्ड स्नोडेन द्वारा अमेरिकी प्रशासन की कलई खोलने के बाद दुनियाभर की सरकारें अपनी कम्युनिकेशन सर्विसेज को दुरस्त करने में लगी हुई हैं. कुछ सरकारों ने सिक्योरिटी लेयर्स बढ़ाकर अपनी सुरक्षा को पुख्ता किया है. लेकिन भारत सरकार ने एक कदम आगे जाते हुए अपनी ईमेल सर्विस लांच करने का मन बना लिया है. इसे बारे में सरकारी आदेश भी पारित हो गया है.

बंद होगा जीमेल और याहू का यूज

मोदी सरकार मे कम्युनिकेशन एवं आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि सरकार के लिए इनक्रिप्टिड ईमेल सर्विस क्रियेट की जा रही है. नई ईमेल सर्विस के लांच होते ही लगभग पचास लाख सरकारी कर्मचारी के याहू और जीमेल जैसी ईमेल सर्विस यूज करने पर बैन लग जाएगा. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड भी जारी कर दिया है. इससे आईटी डिपार्टमेंट ईमेल स्टोर किए जाने वाले सर्वर की सिक्योरिटी बढ़ाने में सफल होगा.

डिफेंस मिनिस्ट्री को नही मिलेगी ईमेल

मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस को इस नई ईमेल सर्विस का लाभ नही मिलेगा क्योंकि डिफेंस मिनिस्ट्री और एक्सटरनल अफेयर्स मिनिस्ट्री पहले से ही अपनी सिक्योर ईमेल सर्विस को यूज करती है. इसलिए नई सर्विस इन दो मिनिस्ट्रीज के अलावा अन्य सरकारी संस्थानों की सिक्योरिटी के लिए बनाई जा रही है. इस मामले में जरूरी बात यह है कि नई ईमेल सर्विस के अवेलेबल होने के बाद सरकारी कर्मचारियों को एनआईसी ईकॉसिस्टम में काम करने पर जोर दिया जाएगा.

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