भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में तीन दिवसीय आयोजन

ALLAHABAD: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित तीन दिनी इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स का राष्ट्रीय कार्यक्रम अखिल भारतीय विद्यार्थी युवा प्रोफेशनल एवं महिला इंजीनियरिंग का अन्तिम दिन शुक्रवार को व्याख्यान, कार्यशाला एवं तकनीकी प्रतियोगिता के साथ सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में देश के 80 उच्च शिक्षण संस्थानों से 320 युवा इंजिनियर्स और अपने क्षेत्र के विशिष्ट लोगो ने प्रतिभागिता की।

नवाचार में नैतिकता पर रखी बात

संस्थान के निदेशक प्रो। पी। नागभूषण ने अपने संबोधन में इंजीनियर की जिम्मेदारियों का उल्लेख किया। उन्होंने उभरते इंजीनियर और स्थापित पेशेवरों के बीच खाई भरने की बात कही। इसमें गरिमा विशाल एवं सुविधा त्रिपाठी ने भी अपनी बात रखी। डॉ। माधवेन्द्र मिश्र ने नवाचार में नैतिकता के ऊपर विस्तृत प्रकाश डाला। डॉ। राहुल काला के निर्देशन में युवा प्रोफेशनल द्वारा तकनीकी पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

ब्लड नेटवर्क का होना जरूरी

इससे पूर्व फॉरेन्सिक एक्सपर्ट डॉ। अमित कुमारने डीएनए हैकिंग: सबसे बड़े साइबर हमलों के खतरों पर बात करते हुए कहा कि डीएनए हमारे अंदर मौजूद सॉफ्टवेयर के अलावा कुछ भी नहीं है। इसे हैक भी किया जा सकता है। प्रो। झरना मजूमदार अधिष्ठाता शोध एवं विकास, मीनाक्षी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी बैंगलोर ने महिला शिक्षा पर चर्चा की। अनुज जैन भारत में रक्त नेटवर्क के संस्थापक ने कहा कि समाज में किसी व्यक्ति को ब्लड की जरूरत हो तो इसके लिए एक ऐसा नेटवर्क हो जो उसको तत्काल उपलब्ध करा सके।