मंगल ग्रह पर 24 सितम्बर को पहुंचेगा

इसरो का मार्स ऑर्बिटर स्पेसक्रॉफ्ट अभी 105 दिनों का सफर और तय कर आने वाली 24 सितम्बर को मंगल ग्रह पर पहुंच सकता है. इस स्पेसक्रॉफ्ट को पिछले साल 11 जून को लांच किया गया था.

इसरो के लिए बड़ा अचीवमेंट

मार्स ऑर्बिटर स्पेसक्रॉफ्ट का स्पेस में 68 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय कर मंगल ग्रह तक पहुंचना इंडियन स्पेस रिसर्च एजेंसी के लिए बड़ा अचीवमेंट होगा. इस मिशन के तहत मार्स ऑर्बिटर स्पेसक्रॉफ्ट मंगल ग्रह की परिक्रमा करेगा. यह इंडियन स्पेस एजेंसी का पहला इंटर स्पेस मिशन है इसलिए इस मिशन की सफलता इंडिया के लिए काफी मायने रखती है. इस बारे में इसरो का कहना है कि इस यान के पांचो पलोड यानी स्पेस टूल्स पूरी तरह से सेफ हैं.

पूरा किया 70 परसेंट मिशन

मार्स ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट ने 11 जून, 2013 को सुबह 4:30 बजे अपना सफर शुरू किया था. यह अपने सफर का 70 परसेंट हिस्सा पूरा कर चुका है. अपने मिशन की ओर आगे बढ़ते हुए इस स्पेसक्रॉफ्ट ने 46.6 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय कर ली है. इस स्पेसक्रॉफ्ट को 68 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय करनी है. यह यान इस समय धरती से 10.8 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है.

 

सिग्नल पहुंचने में लगते हैं छह मिनट

यह स्पेसक्रॉफ्ट धरती से लगभग 10.8 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है. इतनी दूरी पर होने की वजह से इस यान से सम्पर्क करने और सिग्नल एक्सचेंज करने में तकरीबन छह मिनट का समय लगता है. इस स्पेस मिशन की निगरानी इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी से की जा रही है.

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