सीबीआई के निदेशक अमर प्रताप सिंह ने कहा कि विदेशी बैंको में जमा करने वाले लोगों में सबसे अधिक भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि यह पैसे मॉरीशस, स्विटजरलैंड और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स जैसे टैक्स से लिए स्वर्ग माने जाने वाले देशों के बैंको में जमा कराए जाते हैं। जानकारों का मानना है कि इससे देश में असमानता में काफी बढ़ोतरी हुई है।

अमर प्रताप सिंह सोमवार को दिल्ली में आयोजित इंटरपोल के पहले वैश्विक कार्यक्रम के उदघाटन पर बोल रहे थे। यह कार्यक्रम भ्रष्टाचार का विरोध और संपत्ति की वसूली पर था।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सिंह के हवाले से कहा, ''अनुमान के अनुसार भारतीयों के लगभग 500 बिलियन डॉलर (यानि 24.5 लाख करोड़ रुपए) विदेशी बैंको में जमा है। स्विस बैंको में सबसे अधिक जमाकर्ता भी भारतीय ही हैं.''

'मुश्किल और खर्चीला'

सीबीआई प्रमुख ने कहा कि इस तरह के गैर-कानूनी लेन-देन की जानकारी प्राप्त करने में काफी वक्त लगता है और काफी खर्चा भी आता है क्योंकि जांच के लिए इन सभी देशों से संपर्क करना पड़ता है।

पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि ये देश जानकारी देने के लिए राजनैतिक तौर पर तैयार नहीं है क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी अर्थव्यवस्था किस कद्र गरीब देशों से आने वाले इस गैर-कानूनी पैसे पर निर्भर है।

नवंबर 2010 में अमरीका के एक संगठन 'ग्लोबल फाइनैंशियल इंटेग्रिटी' ने कहा था कि भारत ने साल 1948 और 2008 के दौरान 460 अरब डॉलर गंवाए हैं क्योंकि यहां की कंपनियां और अमीर लोग गैर-कानूनी ढंग से विदेशों में अपना धन जमा करते रहे हैं। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 1991 में आर्थिक सुधारों की शुरुआत के बाद से गैर-कानूनी तरीके से पैसे के बाहर जाने में वृद्धि हुई है।

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