न्यूयॉर्क (पीटीआई)। अमेरिका की एक अदालत ने हेल्थ केयर फ्रॉड और अवैध रूप से पेनकिलर दवाओं के वितरण के लिए भारतीय मूल के डॉक्टर को नौ साल जेल की सजा सुनाई है। 66 वर्षीय पवन कुमार जैन मरीजों की पूरी जांच किए बिना ही ऐसी दवाएं लिखने का आरोप था, जो केवल खास मौकों पर ही दी जाती हैं। इसके अलावा कई बार उसने फर्जी प्रीस्कि्रपशन भी लिखे थे, जिनका इस्तेमाल बीमा कंपनियों से रुपये ऐंठने के लिए किया गया था। पवन कुमार ने खुद अपने जुर्म को अदालत में कबूल किया है।  लॉस क्रूसेस की फेडरल कोर्ट के फैसले के बाद अटॉर्नी जॉन एंडरसन ने कहा, 'पवन कुमर को नौ साल की सजा सुनाई गई है और जेल से रिहा होने के बाद भी जैन पर तीन साल तक कड़ी निगरानी रखी जाएगी।'

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इस फैसले से अन्य डॉक्टरों को भी मिला संदेश

फरवरी, 2016 में पवन कुमार ने फेडरल कोर्ट में अपने जुर्म को कबूल किया था। कोर्ट में जमा दस्तावेज के अनुसार, 2009 में पवन ने एक मरीज की जांच किए बिना ही दवाइयां लिख दी थी।उन्हीं दवाओं की वजह से बाद में उस मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले के बाद द न्यू मेक्सिको मेडिकल बोर्ड ने दिसंबर 2012 में जैन का मेडिकल लाइसेंस रद कर दिया था। एंडरसन ने कहा कि जो डॉक्टर अपने कुछ फायदे के लिए हमारे विश्वास के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन्हें सजा मिलना जरूरी है। डीईए के एल पासो डिवीजन के प्रभारी काइल विलियमसन ने कहा कि उनकी सजा आज अन्य डॉक्टरों को यह संदेश देगी कि वे कानून से ऊपर नहीं हैं और डीईए ऐसे डॉक्टरों पर नजर रखेगी।

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