महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पत्र लिखकर प्राइम मिनिस्टर से अनुरोध किया था कि वह अपनी ऑफिशियल कार के तौर पर स्कॉर्पियो का उपयोग करना जारी रखें. महिंद्रा के मुताबिक यह इंडियंस के लिए गौरव की बात होगी कि पीएम इंडिया में डिजाइन, डेवलप और बनी गाड़ी में सफर करेंगे. बहरहाल स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने पीएम की सिक्योरिटी के मद्देनजर सर्वाधिक सुरक्षित मानी जाने वाली गाड़ियों में से एक बीएमडब्ल्यू 7 सीरिज 760 एलआई सिक्योरिटी एडिशन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है.

पीएम की नई कार के सिक्योरिटी फीचर्स

प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की नई कार बीएमडब्ल्यू को खासतौर पर तीन तरह के खतरों से निपटने के लिए तैयार किया गया है. स्ट्रीट क्राइम (किसी धारदार हथियार या .44 कैलिबर की हैंडगन से होने वाला हमला), ऑर्गनाइज्ड क्राइम (दुनिया भर में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले ऑटोमेटिक हथियार जैसे कि एके 47) और धमाके या ऐसे हथियार जो बुलेट प्रूफ कवच को भी भेदने की क्षमता रखते हैं.

इसके अलावा गाड़ी में रन फ्लैट टायर हैं जो पंचर होने पर भी 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लगभग 160 से 320 किमी की दूरी तय कर सकते हैं. सेल्फ सीलिंग फ्यूल टैंक, अटैक अलार्म और इंटरकॉम सिस्टम जिसकी मदद से गाड़ी में बैठा शख्स बिना गाड़ी से उतरे या कार का शीशा और दरवाजा खोले बाहरी दुनिया से संपर्क कायम कर सकता है इस गाड़ी की कुछ और खासियतें हैं.

वी12 इंजन पर चलने वाली यह गाड़ी महज 6.2 सेकेंड में किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर सकती है. इसकी अधिकतम गति 210 किमी प्रति घंटा है जिसे इंलेक्ट्रानिकली नियंत्रित किया जाता है.

वाजपेई सरकार ने लिया था फैसला

एक्स प्राइम मिनिस्टर अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने 2003 में लंबे समय से पीएम के काफिले में इस्तेमाल की जा रही हिंदुस्तान एंबेसेडर की जगह बीएमडब्ल्यू लाने का फैसला किया था. फिलहाल एक अनुमान के मुताबिक आधा दर्जन बीएमडब्ल्यू 760 एलआई लिमोजिन काफिले में शामिल हैं. जिनके आसपास एसपीजी के इस्तेमाल में लाई जाने वाली कोई एक दर्जन बीएमडब्ल्यू एक्स5 एसयूवी का घेरा रहता है.

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