कराची से बीबीसी उर्दू के संवाददाता रियाज़ सुहैल ने बताया कि किशोर बीमार थे हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें क्या बीमारी थी. पाकिस्तान की कराची स्थित जेल में तक़रीबन 250 भारतीय कैद हैं.

किशोर और भीका को सीमा रेखा का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

जेल में भारतीय क़ैदी की मौत का मामला इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि पिछले साल एक भारतीय क़ैदी सरबजीत सिंह पर जेल में ही हमला किया गया था.

हमला

सरबजीत की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. अप्रैल 2013 में लाहौर की कोट लखपत जेल में छह क़ैदियों ने सरबजीत सिंह पर ईंट और धारदार हथियार से हमला किया था.

उस हमले में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं और वह कोमा में चले गए. लाहौर के जिन्ना अस्पताल में चल रहे इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी.

सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के लाहौर और फ़ैसलाबाद में हुए चार बम धमाकों के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. इन धमाकों में क़रीब 10 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि सरबजीत का कहना था कि वह ग़लती से सीमा पार चले गए थे.

इसके बाद एक पाकिस्तानी नागरिक सनाउल्लाह हक़ की भी पिछले साल भारतीय जेल में मारपीट में घायल होने के बाद मौत हो गई थी.

सनाउल्लाह पाकिस्तान के सियालकोट के निवासी थे. उन्हें 17 साल पहले भारत में गिरफ़्तार किया गया था.

उन पर हत्या समेत कुल आठ मामले चल रहे थे. उनमें से दो में उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी.

International News inextlive from World News Desk