(1) बच्चों को नहीं लगती ठंड :-
भीषण सर्दी में आमतौर पर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए जाते हैं, ताकि कोई बच्चा बीमार न पड़े. लेकिन शिक्षा विभाग के एक अधिकारी इस बात के उलटे चलते हैं. एक डीआइओएस ने यह कह दिया था, बच्चों को तो सर्दी नहीं लगती है. ऐसे में स्कूल बंद नहीं होने चाहिए.

(2) संस्कृत नहीं जर्मन पढ़ो :-
केंद्रीय विद्यालयों में देश के हर हिस्से के छात्र होते हैं. उनमें से अनेक भारतीय भाषाओं के समूह में से संस्कृत भाषा का चयन करते हैं, लेकिन यूपीए सरकार का हिटलरी फरमान आ गया. संस्कृत के स्थान पर जर्मन पढ़ो. अखाड़े के उस्तादों ने नारा दिया. जर्मन पढ़ो-आगे बढ़ो. संस्कृत के पीरियड में जाओगे-जीवन में पिछड़ जाओगे.

(3) स्कूलों में सरकारी चर्चे :-
अखिलेश सरकार ने अपनी वाहवाही लूटने के लिए स्कूलों में सरकारी कामों के चर्चे करवाने शुरु कर दिए थे. स्कूलों में प्रार्थना सभा के समय बच्चों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाने लगी. जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी ने इस बाबत यूपी बोर्ड से जुड़े सभी स्कूलों को निर्देश भी जारी कर दिए थे.

(4) बसंत पंचमी की पूजा अनिवार्य :- 
अहमदाबाद में स्कूलों को एक सर्कुलर के जरिए सरस्वती पूजा और प्रार्थना करने का फरमान सुनाने से विवाद हो गया था. सर्कुलर के मुताबिक सभी म्यूनिसिपैलिटी स्कूलों में बसंत पंचमी के दिन सरस्वती वंदना और पूजा करने का आदेश दिया गया था. हालांकि इस सुर्कुलर से मुस्लिम छात्रों में काफी रोष था.

(5) स्कर्ट पहनना जरूरी :-
रोहतक के एक प्रतिष्ठित मॉडल स्कूल में छात्राओं के स्कर्ट पहनने पर रोक लगा दी गई थी. स्कूल में छात्राओं के लिए सलवार-कमीज पहनना जरूरी कर दिया गया था. रोहतक में मॉडल स्कूल की मुख्य ब्रांच समेत सभी सात शाखाओं में इस व्यवस्था को लागू करने का स्कूल प्रबंधन ने आदेश जारी किए थे.

(6) चेहरे पर हो नकाब :-  
बिहार के वैशाली जिला में लड़कियों के पहनावे पर तुगलकी फरमान आया था. इस पंचायत में यह निर्णय लिया गया है की स्कूल में पढ़ने वाले लड़कियाँ और लड़के मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगे. इतना ही नहीं लड़कियों को तो मोबाइल के साथ पहनावे और चेहरे पर नकाब बांधने पर भी रोक लगाई गई थी.

(7) पीएम का भाषण से बनेगा क्वेश्चन पेपर
नोएडा के बाल भारती स्कूल की प्रिंसिपल आशा प्रभाकर ने कहा था कि मोदी के भाषण पर हर सेमेस्टर में सवाल पूछे जाएंगे. 2 नंबर का एक सवाल होगा. 5 सेमेस्टर होते हैं. हर सेमेस्टर में एक सवाल होगा. 6 से 12 वीं तक के बच्चो से सवाल होगा.

(1) बच्चों को नहीं लगती ठंड :-
भीषण सर्दी में आमतौर पर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए जाते हैं, ताकि कोई बच्चा बीमार न पड़े. लेकिन शिक्षा विभाग के एक अधिकारी इस बात के उलटे चलते हैं. एक डीआइओएस ने यह कह दिया था, बच्चों को तो सर्दी नहीं लगती है. ऐसे में स्कूल बंद नहीं होने चाहिए.


(2) संस्कृत नहीं जर्मन पढ़ो :-
केंद्रीय विद्यालयों में देश के हर हिस्से के छात्र होते हैं. उनमें से अनेक भारतीय भाषाओं के समूह में से संस्कृत भाषा का चयन करते हैं, लेकिन यूपीए सरकार का हिटलरी फरमान आ गया. संस्कृत के स्थान पर जर्मन पढ़ो. अखाड़े के उस्तादों ने नारा दिया. जर्मन पढ़ो-आगे बढ़ो. संस्कृत के पीरियड में जाओगे-जीवन में पिछड़ जाओगे.


(3) स्कूलों में सरकारी चर्चे :-
अखिलेश सरकार ने अपनी वाहवाही लूटने के लिए स्कूलों में सरकारी कामों के चर्चे करवाने शुरु कर दिए थे. स्कूलों में प्रार्थना सभा के समय बच्चों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाने लगी. जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी ने इस बाबत यूपी बोर्ड से जुड़े सभी स्कूलों को निर्देश भी जारी कर दिए थे.


(4) बसंत पंचमी की पूजा अनिवार्य :-
अहमदाबाद में स्कूलों को एक सर्कुलर के जरिए सरस्वती पूजा और प्रार्थना करने का फरमान सुनाने से विवाद हो गया था. सर्कुलर के मुताबिक सभी म्यूनिसिपैलिटी स्कूलों में बसंत पंचमी के दिन सरस्वती वंदना और पूजा करने का आदेश दिया गया था. हालांकि इस सुर्कुलर से मुस्लिम छात्रों में काफी रोष था.


(5) स्कर्ट पहनना जरूरी :-
रोहतक के एक प्रतिष्ठित मॉडल स्कूल में छात्राओं के स्कर्ट पहनने पर रोक लगा दी गई थी. स्कूल में छात्राओं के लिए सलवार-कमीज पहनना जरूरी कर दिया गया था. रोहतक में मॉडल स्कूल की मुख्य ब्रांच समेत सभी सात शाखाओं में इस व्यवस्था को लागू करने का स्कूल प्रबंधन ने आदेश जारी किए थे.


(6) चेहरे पर हो नकाब :-
बिहार के वैशाली जिला में लड़कियों के पहनावे पर तुगलकी फरमान आया था. इस पंचायत में यह निर्णय लिया गया है की स्कूल में पढ़ने वाले लड़कियाँ और लड़के मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगे. इतना ही नहीं लड़कियों को तो मोबाइल के साथ पहनावे और चेहरे पर नकाब बांधने पर भी रोक लगाई गई थी.


(7) पीएम का भाषण से बनेगा क्वेश्चन पेपर
नोएडा के बाल भारती स्कूल की प्रिंसिपल आशा प्रभाकर ने कहा था कि मोदी के भाषण पर हर सेमेस्टर में सवाल पूछे जाएंगे. 2 नंबर का एक सवाल होगा. 5 सेमेस्टर होते हैं. हर सेमेस्टर में एक सवाल होगा. 6 से 12 वीं तक के बच्चो से सवाल होगा.

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