एतिसलात मेट्रो स्टेशन पर रोका

पीडि़त व्यक्ति की बेटी मधुमती के अनुसार, एतिसलात मेट्रो स्टेशन के पंचिंग गेट के नजदीक एक पुलिसकर्मी ने उन्हें रोका और कहा कि वे अंदर नहीं जा सकते. उनके पिता का जो पहनावा है, उसकी यहां इजाजत नहीं है. स्थानीय समाचारपत्र गल्फ न्यूज की रिपोर्ट में मधुमती के हवाले से कहा गया है, ‘मैंने पुलिसकर्मी से आग्र्रह किया कि हमें अंदर जाने दिया जाए, लेकिन उसने अनसुना कर दिया. यह सच में शर्मिंदा करने वाली बात है. मैने पुलिसकर्मी को यह समझाने का पूरा प्रयास किया कि धोती एक पारंपरिक भारतीय लिबास है जो शरीर को पूरी तरह ढंकती है.’

कई बार धोती पहन पर घूम चुके हैं मेट्रो में

मधुमती ने कहा कि उनके पिता पहले भी यहां कई बार धोती पहन कर मेट्रो में घूम चुके हैं, लेकिन उन्हें किसी ने नहीं रोका. सडक़ एवं परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के अनुसार यात्रा के लिए कोई ड्रेस कोड तय नहीं है. मधुमती ने मामले में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज करा दी है. आरटीए के निदेशक रमजान अब्दुला ने कहा, ‘कोई भी ऐसा परिधान जो शरीर को ढंकता है, उसे पहनने की इजाजत है. मुझे लगता है कि वह पुलिसवाले का निजी बयान था. इस मामले की जांच की जाएगी.’

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