इंडियंस दुनिया भर में सबसे ज्यादा डिप्रेस्ड होते हैं. वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्लूएचओ) के सहयोग से हुई एक स्टडी में यह नतीजा निकला है. स्टडी के मुताबिक भारत में डिप्रेशन रेट दुनिया की किसी भी कंट्री से ज्यादा है. इस स्टडी को ‘क्रॉस-नेशनल एपिडेमिलॉजी ऑफ डीएसएम-4 मेजर डिप्रेसिव एपिसोड’ नाम दिया गया है. इसने खुलासा किया है कि करीब 36 परसेंट इंडियंस मेजर डिप्रेसिव एपिसोड्स (एमडीई) से प्रभावित हैं.

indians are depressed

एमडीई से प्रभावित होने के लिए नौ सिंपटम्स में से पांच सिंपटम्स का मिलना जरूरी है. इन नौ सिंपटम्स में एपेटाइट, स्लीप, मूड, लैक ऑफ, कांसन्ट्रेशन और सुसाइडल थॉट्स शामिल हैं. यह स्टडी बीएमसी मेडीसन जर्नल में पब्लिश हुई है. स्टडी में यह भी कहा गया है कि जिस तरह से डेली लाइफ में चेंज आ रहा है वो भी डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है. भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल ने भारतीयों को सबसे ज्याद डिप्रेशन दिया है. भारतीय डॉक्टर्स ने इस पर चिंता जाहिर की.

चीन में सिर्फ 12 परसेंट

indians are depressed

पड़ोसी देश चीन में 12 परसेंट एमडीई हैं. स्टडी में पाया गया कि एमडीई का एवरेज परसेंटेज हाईयर इनकम कंट्रीज में और ज्यादा 28.1 परसेंट है. जबकि लो-टू-मिडिल इनकम कंट्रीज में यह 19.8 परसेंट है. स्टडी में करीब 18 देशों में 90,000 सब्जेक्ट्स पर डिफरेंट ग्रुप्स से पूछताछ की गई थी. यह रिसर्च बीएमसी मैगजीन के जर्नल में पब्लिश हुई है. यूएस, चाइना, जापान, इंडिया, ब्राजील, मेक्सिको, यूक्रेन, स्पेन, जर्मनी, लेबनान और साउथ अफ्रीका इस स्टडी में शामिल थे.

National News inextlive from India News Desk