गुरुवार को भारतीय मीडिया में छपे स्तम्भ में गावस्कर ने लिखा, "दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम पर इंग्लैंड की टीम पूरी तरह हावी रही और इस क़दर हावी थी कि ये एक पेशेवर टीम और एक स्कूली बच्चों की टीम के बीच का मुक़ाबला लग रहा था."

गावस्कर के अनुसार, "बल्लेबाज़ चार पारियों में एक भी बार 300 रनों तक नहीं पहुँच सके और दोनों ही टेस्टों में अच्छी शुरुआत देने के बाद गेंदबाज़ों की दुर्गति हो गई."

चार टेस्ट मैचों की शृंखला में भारत 2-0 से पीछे चल रहा है। लॉर्ड्स में हुए पहले टेस्ट में उसे 196 रनों से हार का सामना करना पड़ा था तो दूसरे टेस्ट में उसे उससे भी बड़ी 319 रनों की हार मिली।

अब अगर अगले दोनों टेस्ट ड्रॉ हो जाते हैं या एक में भी इंग्लैंड जीत जाता है तो इंग्लैंड की टीम भारत को हटाकर टेस्ट में नंबर एक की टीम बन जाएगी।

गावस्कर ने भारत के निचले क्रम और इंग्लैंड के निचले क्रम की तुलना करते हुए लिखा है कि इंग्लैंड का निचला क्रम कहीं अधिक मज़बूत है।

तकनीक का मसला

वह लिखते हैं, "भारत का निचला क्रम तकनीकी रूप से अच्छा नहीं है और अगर एक खिलाड़ी को मालूम है कि वह तकनीकी रूप से कमज़ोर है तो मानसिक रूप से भी वह संघर्ष करना छोड़ देता है."

मगर इसके साथ ही गावस्कर ने भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों की भी आलोचना की है। उनके अनुसार, "शीर्ष क्रम भी कोई अच्छी तकनीक के साथ खेलता नहीं दिखा है और ख़ासकर युवा खिलाड़ी जिन्होंने भारतीय पिचों पर तो लाखों रन बना डाले हैं मगर जब वे विदेशी पिचों पर आते हैं तो तेज़ गेंदबाज़ों के सामने उन्हें ये नहीं समझ आता कि बैक फ़ुट पर कैसे खेलें."

गावस्कर का कहना है कि राहुल द्रविड़ ही अब तक सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज़ रहे हैं जबकि वीवीएस लक्ष्मण ने दो और सचिन तेंदुलकर ने एक अर्द्धशतक जमाया है।

उनके अनुसार वही खिलाड़ी रन बना पा रहे हैं जिन्होंने खेल के लंबे वर्ज़न में यानी कि टेस्ट क्रिकेट में अपनी तकनीक को मज़बूत किया है। भारत को अब अगला टेस्ट 10 अगस्त से एजबेस्टन में खेलना है।

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